



सामाजिक आंदोलनों के गुरु अनिल चौधरी की स्मृति में यातना पीड़ितों का सम्मान
वाराणसी,(BNE)।“पीड़ितों का इलाज चौधरी साहब इस तरह करते थे कि अपने अंतिम दिनों तक भी ज़ख्मों पर मरहम लगाकर सामने वाले को राहत का अहसास कराते रहे। उन्हें दुनिया तीन वजहों से याद रखेगी-पहला, सांप्रदायिकता का विनाश करो। दूसरा, लोकतंत्र की रक्षा करो। और तीसरा, भूमंडलीकरण का प्रतिरोध करो। इन तीन मंत्रों पर काम करने वाले उनके सैकड़ों शिष्य आज पूरे भारत में मौजूद हैं।”
यह बातें गांधीवादी इतिहासकार डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहीं। वे सामाजिक कार्यकर्ताओं के शिक्षक और PEACE संस्था के संस्थापक रहे स्वर्गीय अनिल चौधरी की स्मृति में पराड़कर भवन, वाराणसी में आयोजित सभा की अध्यक्षता कर रहे थे।
यह स्मृति सभा जनमित्र न्यास, PVCHR, IRCT, GHPF, JUSTER और संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNVFVT के संयुक्त तत्वावधान में हुई। इसमें PVCHR के वार्षिक सम्मेलन के साथ-साथ यातना पीड़ितों का सम्मान भी किया गया।
अनिल चौधरी के विचार और विरासत
सभा के आरंभ में चौधरी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. लेनिन ने उनकी शख्सियत और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने घोषणा की कि अनिल चौधरी की स्मृति में PEACE के कार्यकर्ताओं को द्विवार्षिक वजीफा और नवदलित सम्मान प्रदान किया जाएगा।
डॉ. लेनिन ने कहा, “सिर्फ दो ही ऐसे लोग थे जो हमेशा मंच से दूर रहकर छोटे-छोटे प्रशिक्षण देकर समाज को तैयार करते थे-एक अनिल चौधरी और दूसरे शंकर गुहा नियोगी। चौधरी जी पहचान की राजनीति और पैसों के पीछे भागने वालों की आलोचना करते हुए कहते थे कि जो सिर्फ़ पैसे का पीछा करता है, वह उल्लू है। और फिर समझाते थे कि उल्लू से कैसे बचा जाए।”
दिल्ली से आए PEACE के कार्यकारी निदेशक जितेंद्र चाहर ने अनिल चौधरी की वैचारिक दृष्टि पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा, “अनिल जी का मानना था कि सामाजिक परिवर्तन कोई प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली सामाजिक प्रक्रिया है।”
वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने समुदाय निर्माण और उनमें उम्मीद जगाने के संदर्भ में चौधरी जी के महत्वपूर्ण सबक साझा किए। इसके बाद बनारस के वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ने अपने अनुभव सुनाए। लंदन स्थित फ्रंटपेज पब्लिकेशन के प्रमुख अभिजीत मजूमदार ने अंग्रेजी में संक्षिप्त संबोधन किया।
यातना पीड़ितों का सम्मान
सभा का दूसरा चरण सोनभद्र के विभिन्न वंचित समुदायों से आए यातना पीड़ितों को सम्मानित करने के लिए था। मंच से उनकी विस्तृत गवाहियां पढ़ी गईं, जो बेहद मार्मिक थीं और समाज के सबसे हाशिए पर खड़े लोगों की पीड़ा को उजागर करती थीं।
इनमें जटई, सोनू, नंदलाल, दिनेश और शिवशंकर शामिल थे, जिन्हें मंच पर मौजूद अतिथियों ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
विशेष सम्मान
सभा की शुरुआत में वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत को उनकी पत्रकारिता के लिए नवदलित सम्मान दिया गया। वहीं, कवि व्योमेश शुक्ल, कमलेंद्र कुमार सिंह, अधिवक्ता चे ग्वारा रघुवंशी और सामाजिक कार्यकर्ता पिंटू गुप्ता को जनमित्र सम्मान प्रदान किया गया।
डॉ. लेनिन ने वरिष्ठ संपादक ए.के. लारी, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मूर्ति, तथा लखनऊ से आए आशीष अवस्थी और ज्ञान जी को गमछा पहनाकर विशेष सम्मान दिया। ये सभी लोग किसी न किसी रूप में लंबे समय तक अनिल चौधरी से जुड़े रहे थे।
कार्यक्रम के अंत में PVCHR की प्रमुख श्रुति नागवंशी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।