Unified Payments Interface (UPI) :(BNE -डेस्क) देश में डिजिटल क्रांति में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की बहुत बड़ी भूमिका साबित हुई है। भुगतान लेनदेन प्रोसेस को इतना आसान बना दिया है कि अब लोगों ने बैंक का मुँह देखना लगभग बंद कर दिया है। इसका सबसे बड़ा पहलू यह है कि यह सुरक्षित है और घर बैठे आप बिना किसी असुरक्षा के भुगतान करते है। हाल ही में आई एक रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि UPI किस तरह गेम चेंजर की भूमिका निभा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम समय में UPI ने पूरे भारत में डिजिटल पेमेंट की पहुंच को तेजी से बढ़ाया है और इसका इस्तेमाल स्ट्रीट वेंडर्स से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक हर स्तर पर किया जा रहा है।
इन्हें हुआ काफी फायदा
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के प्रोफेसरों द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, UPI के बढ़ते इस्तेमाल से सबसे ज्यादा फायदा फिनटेक कंपनियों को हुआ है। उन्होंने लोन का साइज बढ़ाया है और इसकी मात्रा में कम से कम 77 गुना इजाफा किया है। यह आंकड़ा पारंपरिक बैंकों से काफी ज्यादा है। खास बात यह है कि UPI के जरिए लोन तो बढ़े हैं, लेकिन डिफॉल्ट की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
इतने लोगों तक पहुंच
साल 2016 में लॉन्च होने के बाद से UPI का दायरा हर दिन बढ़ रहा है। इसकी मदद से आज 30 करोड़ लोग और 5 करोड़ व्यापारी बिना किसी परेशानी के डिजिटल ट्रांजैक्शन कर पा रहे हैं। खास बात यह है कि UPI ने ऐसे लोगों के लिए भी लोन के दरवाजे खोल दिए हैं जो कम क्रेडिट स्कोर की वजह से हाई रिस्क कैटेगरी में आते हैं। रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन इलाकों में UPI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, वहां नए क्रेडिट लेने वालों के लोन में 4% और सबप्राइम यानी हाई रिस्क कैटेगरी के लोन में 8% की बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत UPI में अग्रणी बनकर उभरा है और दूसरे देशों को इस तकनीक को अपनाने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि भारत में UPI की शुरुआत 2016 में हुई थी, आज इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है। छोटी दुकानों से लेकर बड़े स्टोर तक, हर कोई UPI के जरिए पेमेंट स्वीकार कर रहा है।
लोन की उपलब्धता बढ़ी
रिपोर्ट से पता चलता है कि UPI के जरिए लिया गया लोन समय पर चुकाया जा रहा है। आसान पेमेंट सिस्टम की वजह से कर्जदार इसे समय पर लौटा रहे हैं, जिसकी वजह से डिफॉल्ट रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई। रिसर्च टीम ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि UPI को अपनाने से लोन ग्रोथ में किस तरह मदद मिली। उन्होंने कहा कि UPI ट्रांजैक्शन में 10% की बढ़ोतरी से लोन की उपलब्धता में 7% की बढ़ोतरी हुई, जो दिखाता है कि डिजिटल फाइनेंस सिस्टम किस तरह से कर्जदारों से लेकर कर्जदाताओं तक सभी के लिए जीवन को आसान बना रहा है।