*स्पेशल*
*पांच करोड़ जरुरतमंदों ने उठाया समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ, 40 हजार करोड़ बांटे गये*
*- योगी सरकार का समाज कल्याण विभाग प्रदेश के हर वर्ग को कर रहा सशक्त*
*- प्रदेश भर में 11 कल्याणकारी योजनाएं चला रहा समाज कल्याण विभाग*
*- गरीब, वंचित, महिला, बुजुर्ग सहित हर वर्ग का जीवन हुआ आसान*
*- बीते छह वर्ष में विभाग की योजनाओं का प्रदेश के करीब पांच करोड़ों जरूरतमंदों ने उठाया लाभ*
*- सीएम योगी के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग तक पहुंच रहा योजनाओं का लाभ*
*लखनऊ, 25 नवंबर:* योगी सरकार प्रदेश के गरीब, वंचितों, महिलाओं और बुजुर्ग समेत हर वर्ग की मदद के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं को लाभ प्रदेश भर में बिना भेदभाव के सभी को दिया जा रहा है। योगी सरकार सबका साथ सबका विकास के तहत काम कर रही है। बीते छह वर्ष के डेटा पर नजर डालें तो समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं का करीब पांच करोड़ जरूरतमंदों ने लाभ उठाया है। इसके लिए योगी सरकार ने पिछले छह वर्ष में 40 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है, जो यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता के लिए हमेशा संकट मोचक की तरह खड़े रहते हैं।
*3 करोड़ से अधिक पेंशनधारकों को वितरित की गयी पेंशन*
समाज कल्याण के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी योजनाओं को लाभ देने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के जरिये विभाग की 11 विभिन्न योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। इसी के तहत पिछले छह वर्षों 2018-19 से 23-24 के बीच 4,86,38,827 जरुरतमंद लाभार्थियों को लाभ दिया गया। इसके लिए योगी सरकार की ओर से 40,667 करोड़ रुपये खर्च किये गये। उन्होंने बताया कि विभाग की राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों को हर माह पेंशन दी जाती है। योजना के तहत पिछले छह वर्षों में 3,62,57,918 लाभार्थियों को 25,09,730 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी। इसी तरह राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुखिया को एक मुश्त 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत 6,77,755 परिवार को 2,03,326 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।
*छह वर्षों में 3,67,652 जोड़ों की करायी गयी शादी*
निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर हर जरुरतमंदों की स्क्रीनिंग कर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया जाता है। योजना के तहत 3,67,652 जोड़ों की शादी करायी गयी। इसके लिए योगी सरकार ने 1,84,030 लाख रुपये खर्च किये हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। पूर्वदशम् छात्रवृति वितरण योजना के तहत अनुसूचित जाति के 19,85,389 छात्रों को 47,308 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के 6,38,669 छात्रों को 17,202 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। इसी तरह दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के 51,96,409 छात्रों को 4,84,405 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के 30,60,875 छात्रों को 3,43,088 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। वहीं अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत 1,35,030 परिवार को 1,29,568 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गयी। इतना ही नहीं योगी सरकार की ओर से परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत 5,103 छात्रों ने योजना का लाभ उठाया। इसके लिए 2,913 लाख रुपये खर्च किये गये।
*मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का 51,608 छात्रों ने उठाया लाभ*
विभाग की ओर से प्रदेश भर में अनुसूचित जाति छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। इसका पिछले छह वर्षों में 53,862 छात्रों ने लाभ उठाया है। इसके लिए 18,670 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय (पूर्ववर्ती नाम राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय) का संचालन किया जा रहा है। इसका पिछले छह वर्षों में 2,01,693 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इस मद में योगी सरकार ने 18,670 लाख रुपये खर्च किये। वहीं मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का पिछले चार वर्षों में 51,608 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इसके लिए योगी सरकार ने 4,666 लाख रुपये खर्च किये हैं। वहीं उत्तर प्रदेश माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसका एक वर्ष में 6,864 लोगों ने लाभ लिया है। इसके लिए 6,193 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। योगी सरकार ने प्रदेश के ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया। इसके जरिये ट्रांसजेंडर के अधिकारियों के संरक्षण को लेकर प्रदेश भर में अभियान और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।