योगी का दीपोत्सव, मोदी-शाह का दिवाला!
योगी के आयोजन से क्यों गायब थे मोदी और शाह!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार 8वीं बार अयोध्या में रिकॉर्ड दीपोत्सव मनाया गया। वर्ष दर वर्ष योगी दीपोत्सव के अपने बनाये कीर्तिमान तोड़ और बना रहे हैं। योगी का यह आयोजन धार्मिक अनुष्ठान के अलावा राजनैतिक शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बन गया है। अयोध्या में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दो कीर्तिमान दर्ज किये। इस बार योगी ने 1 हजार 121 लोगों ने एकसाथ सरयू आरती किया और 25 लाख 12 हजार 585 दीप जला कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नया कीर्तिमान जोड़ा। हर बार भव्य दीपोत्सव से योगी की जो जन शक्ति बढ़ती है उससे विरोधियों से ज्यादा उनकी पार्टी के भीतर बैठे लोगों का सिंघासन हिलने लगा है। हरियाणा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस गठबंधन के सामने पस्त हो चुकी भाजपा को बंटोगे तो कटोगे का नारा देकर योगी ने सत्ता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण मार्ग बनाया। हरियाणा विधानसभा के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में गृहमंत्री अमितशाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब पहुंचे तो भीड़ से उठी आवाजें वहां नये नारे से गूंज उठी थी नारा था “बोंटोगे तो कटोगे”। जनता जनार्दन के सामने पहली बार कार्यकर्ताओं की भीड़ ने अमितशाह और राजनाथ सिंह के सामने यह संदेश दे दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के अगले स्वाभाविक उमीदवार हैं। झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं की योगी आदित्यनाथ की सर्वाधिक मांग की जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर झारखंड चुनाव में लगे एक महत्वपूर्ण नेता ने बताया कि यहां के चुनाव में योगी आदित्यनाथ के सभाओं की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कम नहीं है। लेकिन यह सब कहने के लिये हम अधिकृत नहीं हैं। अयोध्या में प्रतिवर्ष होने वाला दीपोत्सव दुनिया भर के हिंदुओं के लिये विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है। राम मंदिर बन जाने और उसमें भगवान रामलला का अपने जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहली दीपावली थी। एक समय था जब योगी आदित्यनाथ अयोध्या विधानसभा सीट पर विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे तब गुजराती जोड़ी का सिंहासन डोल गया था। सूत्रों की मानें तो मोदी-शाह के सामने गुलाम बना पार्टी के बौना नेतृत्व द्वारा योगी को अयोध्या विधानसभा से चुनाव न लड़ने का फरमान सुनाया गया था। अब योगी आदित्यनाथ ने दिग्विजयी दीपोत्सव के आयोजन से दुनिया मे अपनी राजनैतिक धाक के साथ पार्टी के भीतर बैठे जनहित पर व्यापार को प्राथमिकता देने वाले सब कुछ बेंचों गिरोह पर भारी पड़ गये है।
बुधवार को अयोध्या के राम की पैड़ी पर दीप प्रज्ज्वलन कर दीपोत्सव 2024 का जब भव्य शुभारंभ किये तो उसकी गर्मी की चपेट में बैठे बहुत सारे दिल्लीस्वर भी आ गये।योगी ने अपने संबोधन में सनातन धर्म की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन और मानवता का मार्गदर्शक है। यह धर्म सभी के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।इस शाश्वत व्यवस्था पर प्रहार करने का प्रयास स्वयं के विनाश को आमंत्रण देने जैसा होता है। जो ताकतें भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, वे त्रेतायुग के रावण और उनके अनुयायियों के समान समाज में विभाजन फैलाने का कार्य कर रही हैं।हर कोई इस बात से आश्चर्य में है कि राम मंदिर निर्माण के बाद पड़े पहली दीपावली पर न प्रधानमंत्री आये न गृहमंत्री, यह संयोग है या कुढ़न।
योगी ने रावण, मारीच, मेघनाद, और कुंभकरण के प्रसंगों को उद्धृत करते हुए कहा कि इन सभी ने अधर्म का साथ दिया और अंततः विनाश को प्राप्त हुए। बिना किसी का नाम लिये उन्होंने कहा कि समाज में आज भी कुछ लोग केवल राजनीति के लिए नकारात्मकता और विभाजन फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, जो अपने निजी स्वार्थों के लिए सामाजिक एकता को चुनौती दे रहे हैं। आज का यह दीपोत्सव हमें याद दिलाता है कि जैसे त्रेतायुग में अधर्म का नाश हुआ, वैसे ही आज भी सत्य, न्याय और धर्म का मार्ग प्रशस्त करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक परंपरा का निर्वाह नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा संदेश है, जो समाज को जोड़ता है और दुनिया को भारत की सांस्कृतिक महत्ता से परिचित कराता है। कोरोना महामारी के कठिन समय में भी दीपोत्सव की परंपरा थमी नहीं, बल्कि इसे और भव्य रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि यह हमारे शाश्वत धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने का प्रतीक है, जो केवल अयोध्या के निवासियों का नहीं, बल्कि हर भारतीय का दायित्व है। दीपोत्सव का यह आयोजन प्रभु श्रीराम की नगरी को संपूर्ण विश्व में नई पहचान देने का प्रयास है।