



थायराइड का असर सिर्फ शरीर नहीं, दिमाग पर भी पड़ता है भारी—मेंटल हेल्थ को ऐसे रखें सुरक्षित
थायराइड हार्मोन का असंतुलन बढ़ा सकता है एंग्जायटी, डिप्रेशन और मूड स्विंग्स; जानिए इसे कंट्रोल में रखने के आसान उपाय
तेज़ रफ्तार लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान का असर सिर्फ शरीर पर नहीं, बल्कि हमारे हार्मोन सिस्टम पर भी पड़ता है। इन्हीं में से एक गंभीर समस्या है—थायराइड। यह एक ऐसा हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो न केवल फिजिकल हेल्थ को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि थायराइड ग्लैंड के ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव होने से शरीर में थायरॉक्सिन का असंतुलन हो जाता है। इससे हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म जैसी स्थितियां पैदा होती हैं। हाइपरथायरायडिज्म में घबराहट, चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी और तनाव जैसी मेंटल हेल्थ समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति को सुस्ती, थकान और डिप्रेशन महसूस हो सकता है।
शोध बताते हैं कि थायराइड की समस्या मूड स्विंग्स, कोर्टिसोल स्तर में बदलाव और हैप्पी हार्मोन्स के इम्बैलेंस का कारण बन सकती है। इसके साथ ही, थायराइड का असर पीरियड साइकल, वजन और डाइजेशन पर भी दिखता है।
थायराइड को कंट्रोल में रखने के लिए हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेस मैनेजमेंट बेहद ज़रूरी हैं। दवाइयों के साथ-साथ योग और मेडिटेशन से मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाया जा सकता है।
अगर आपको थकान, मूड में बदलाव या अन्य लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें। समय रहते इलाज से थायराइड और उससे जुड़ी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स को रोका जा सकता है।