



Sahakari Taxi Service:ओला -उबर के लिए चुनौती देने आ रही है सरकार की नई सहकारी टैक्सी सर्विस-AMIT SHAH
बहुत जल्दी ही यह सहकारी सेवा आम लोगों तक पहुंचने की उम्मीद -ड्राइवरों को मिलेगा सीधा मुनाफा-AMIT SHAH
यह नया प्लेटफॉर्म ड्राइवरों को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.
नई दिल्ली (BNE ) पुब्लिक ट्रांसपोर्ट की बढ़ रही डिमांड को देखते हुए केंद्र सरकार जल्दी ही ओला -उबर जैसी निजी टैक्सी सेवाओं के विकल्प के लिए एक सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म लांच करने की कवायद में जुट गयी है। बहुत जल्दी ही यह सहकारी सेवा आम लोगों तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इस तरह के संकेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दी है। . उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सहकार से समृद्धि’ का विजन केवल एक नारा नहीं है, बल्कि इसे साकार करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है.
ड्राइवरों को मिलेगा सीधा मुनाफा
अमित शाह ने बताया कि सरकार जल्द ही एक ऐसा सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगी, जिसमें टू-व्हीलर, रिक्शा और फोर-व्हीलर ड्राइवरों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इस प्लेटफॉर्म का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसका मुनाफा किसी निजी कंपनी के मालिकों तक नहीं जाएगा, बल्कि सीधे उन ड्राइवरों को मिलेगा, जो इस सेवा से जुड़ेंगे.
सहकारी इंश्योरेंस कंपनी भी होगी शुरू
सहकारिता मंत्री शाह ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही एक कोऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी की शुरुआत करेगी, जो देश भर में सभी सहकारी संस्थाओं का बीमा करेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि यह कंपनी जल्द ही निजी बीमा कंपनियों को टक्कर देगी और देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में शामिल हो जाएगी.
दुनिया में पहली बार होगा ऐसा मॉडल
अगर सरकार इस सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म को लागू कर पाती है, तो भारत दुनिया का पहला देश होगा जो निजी राइड-हेलिंग सेवाओं के लिए एक सरकारी सहकारी विकल्प पेश करेगा. इससे पहले किसी भी देश ने ऐसा मॉडल अपनाने का प्रयास नहीं किया है. भारत में सहकारी मॉडल की सफलता का एक प्रमुख उदाहरण अमूल है, जिसने देश को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाया और आज यह विश्व की आठवीं सबसे बड़ी डेयरी कंपनी है.
ओला-उबर के लिए चुनौती!
सरकार के इस कदम से ओला और उबर जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल सकती है. माना जा रहा है कि सहकारी मॉडल के तहत ग्राहकों को कम कीमत पर राइड सेवाएं मिलेंगी, और ड्राइवरों को भी बेहतर आमदनी होगी. वर्तमान में, ओला-उबर ड्राइवर कमीशन और अन्य शुल्कों की वजह से कमाई की शिकायत करते रहे हैं. ऐसे में यह नया प्लेटफॉर्म ड्राइवरों को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.
हालांकि, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म किस प्रकार कार्य करेगा और इसमें भागीदारी की प्रक्रिया क्या होगी. लेकिन यह तय है कि इस नई व्यवस्था से देश में टैक्सी सेवाओं के संचालन में एक नई क्रांति आ सकती है.