नई दिल्ली, (BNE )राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ को लेकर प्रयास किया, लेकिन यह विचार विफल रहा क्योंकि विनिर्माण दर घट गई। राहुल गांधी ने कहा कि भारत को अब विनिर्माण पर जोर देना होगा। उन्होंने यह दावा भी किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं था और यह पिछले कुछ सालों की तरह ही था।
राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि देश बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर पाया है और इस बारे में युवाओं कोई स्पष्ट जवाब देने में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) दोनों की सरकारें विफल रही हैं।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना। मुझे कहना होगा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जो कहा जा रहा था, उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि मैंने लगभग वही अभिभाषण पिछले साल और उससे पहले के साल भी सुना था।” उनका कहना था कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार होती तो यह अभिभाषण इस तरह का नहीं होता।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं द्वारा तय होगा, इसलिए कुछ भी कहा जाए तो उसमें युवाओं पर जोर होना चाहिए था। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं, न तो संप्रग सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई स्पष्ट जवाब दे पाई और ना ही राजग सरकार कुछ कर पाई…मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दौरान सदन में उपस्थित थे।
राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ की पहल की। यह अच्छा विचार था, पीएम ने प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास विफल रहा।” राहुल गांधी ने कहा, ‘‘एक देश के रूप में हम विनिर्माण में विफल रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि विनिर्माण का काम चीन की कंपनियों को दे दिया गया है। यह मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि ‘असेंबल्ड इन इंडिया’ है।” उन्होंने कहा कि देश को विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हर कोई जानता है कि भारत में सामाजिक तनाव बढ़ रहा है।