



Prayagraj:,फिर से बनेंगे तोड़े हुए घर , नहीं चलेगा बुलडोजर -सुप्रीम कोर्ट
जमीन के हिस्से को गैंगस्टर अतीक अहमद का मानकर राज्य सरकार की तरफ से घरों को ढहा दिया गया था।
इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाएं और एक अन्य शख्स था।
प्रयागराज(BNE )उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं के खिलाफ जो बुलडोजर संस्कृति अभियान चलाया था उसकी वजह से सैकड़ों ऐसे निर्दोष लोगों के घरों को भी बुलडोजर से ढहा दिया गया है जो माफियाओं के जमीनी हिस्से नहीं थे। याचिकाकर्ताओं के याचिका का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लताड़ लागई और याचिकाकर्ताओं को न सिर्फ घर दोबारा बनाने की अनुमति देने का रास्ता दिखाया है, बल्कि राज्य सरकार को कड़े शब्दों में हिदायत दी है। दरअसल, याचिकाकर्ताओं की तरफ से अदालत को बताया गया था कि जमीन के हिस्से को गैंगस्टर अतीक अहमद का मानकर राज्य सरकार की तरफ से घरों को ढहा दिया गया था।
इस मामले पर जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच सुनवाई की। बेंच का कहना है कि याचिकाकर्ताओं को ढहाए गए घरों को अपने खर्च पर दोबारा बनाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें शामिल की गई हैं। जैसे तय समय में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करनी होगी। अदालत ने कहा कि अगर उनकी अपील खारिज हो जाती है तो याचिकाकर्ताओं को अपने खर्च पर घरों को ध्वस्त करना होगा। बेंच ने कहा, हम एक आदेश पास करेंगे कि वे अपने खर्च पर घर दोबारा बना सकते हैं और अगर अपील खारिज हो जाती है, तो उन्हें उसे अपने ही खर्च पर ढहाना भी होगा। इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाएं और एक अन्य शख्स था।