



प्रयागराज(BNE ).प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को महाकुम्भ में आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। यह निर्णय उन्होंने महाकुम्भ में भगदड़ के दौरान हुई मौतों की वजह से लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हादसे के बाद सभी तरह के वीआईपी पास निरस्त कर दिए है, ताकि वीआईपी व्यवस्था आम लोगों के लिए परेशानी का कारण न बने। हादसे के बाद यूपी सरकार ने भीड़ को नियत्रित करने के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की है।
महाकुंभ में प्रशासनिक बदलाव
महाकुंभ क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया, अब किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। VIP और VVIP पास रद्द कर दिए गए, बिना पास के ही श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए ‘वन-वे रूट’ लागू हुआ। जिससे अनावश्यक भीड़ इकट्ठा न हो। 4 फरवरी तक बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक, इससे यातायात और भीड़ पर नियंत्रण रखा जाएगा। संगम क्षेत्र में स्नान के बाद अधिक देर तक रुकने की अनुमति नहीं, जिससे भीड़ जल्द नियंत्रित हो सके। कुंभ प्रशासन को मजबूत करने के लिए नए अधिकारियों की तैनाती, बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए।
हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अटूट बनी हुई है। 3 फरवरी को वसंत पंचमी के अवसर पर ‘अमृत स्नान’ होगा, जिसमें करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की उम्मीद है। अब तक 28 करोड़ से अधिक लोग गंगा स्नान कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। मेला प्रशासन के अनुसार, 30 जनवरी सुबह 10 बजे तक 28.5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। साथ ही, 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं। योगी सरकार ने 29 जनवरी की भगदड़ की जांच के लिए तीन-सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जो तुरंत कार्यरत हो गया है। आयोग को एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी, हालांकि जरूरत पड़ने पर समय बढ़ाया जा सकता है.