



सीपैक प्रोजेक्ट फंसे, अलगाववादियों के हमलों से देश में बढ़ा अस्थिरता का माहौल
पाकिस्तान इन दिनों अपनी राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और आतंरिक विद्रोह की जटिलताओं में उलझा हुआ है। बलूचिस्तान के अलगाववादी आंदोलन ने देश को एक नई चुनौती दे दी है। ताजा मामला ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है, जिसका उद्घाटन बार-बार सुरक्षा कारणों से टल रहा है।
ग्वादर एयरपोर्ट, जो चीन द्वारा 50 मिलियन डॉलर की लागत से वित्त पोषित है और सीपैक प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा है, पिछले तीन बार से स्थगित किया जा रहा है। अब, 1 जनवरी 2025 को होने वाले उद्घाटन को फिर से टाल दिया गया है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे संगठन इन प्रोजेक्ट्स पर लगातार हमले कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये प्रोजेक्ट बलूच जनता के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहे हैं और इसका लाभ केवल पाकिस्तान और चीन को हो रहा है।
बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान के कुल क्षेत्रफल का 45% है, अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद देश का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। यहां की जनता अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है। बीएलए जैसे संगठन इस लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं और चीन के प्रोजेक्ट्स को निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तान की अस्थिरता और बलूच अलगाववाद ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को भी खतरे में डाल दिया है। पिछले कुछ सालों में करीब 60 चीनी नागरिक इन हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि को और धूमिल कर रही है।