नई दिल्ली-ड्राइवर और कस्टमर के लिए बेहद फायदेमंद होगी “ Bharat Taxi”
भारत टैक्सी” (Bharat Taxi)। यह योजना देश की पहली को-ऑपरेटिव टैक्सी सर्विस होगी, जिसमें ड्राइवर खुद इस कंपनी के साझेदार (को-ऑनर) होंगे।
ऐप से मिलेगी सुविधा, आसान और बहुभाषी इंटरफेस
नई दिल्ली(BNE )– सार्वजनिक परिवहन को आसान और सुलभ बनाने के साथ साथ ड्राइवरों को बेहतर कमाई के मौके देने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। यह पहल ओला-उबर जैसी निजी टैक्सी सेवाओं पर लगाम भी लगाएगी और ड्राइवर्स को कमाने के अवसर भी देगी। देश में जल्द ही शुरू होने जा रही है सरकारी सहकारी टैक्सी सेवा “भारत टैक्सी” (Bharat Taxi)। यह योजना देश की पहली को-ऑपरेटिव टैक्सी सर्विस होगी, जिसमें ड्राइवर खुद इस कंपनी के साझेदार (को-ऑनर) होंगे।
ओला-उबर को कड़ी चुनौती
भारत टैक्सी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ड्राइवरों को किसी प्रकार का कमीशन नहीं देना होगा। प्रत्येक राइड की पूरी कमाई सीधे ड्राइवर के खाते में जाएगी। इससे ओला-उबर जैसी निजी कंपनियों की तुलना में ड्राइवरों की आमदनी बढ़ेगी और यात्रियों को भी पारदर्शी किराए पर सफर करने का मौका मिलेगा।
भारत टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर 2025 में दिल्ली से शुरू किया जाएगा। शुरुआती चरण में 650 ड्राइवर और वाहन मालिक इस सेवा से जुड़ेंगे। इसके बाद दिसंबर 2025 से इसे देश के अन्य शहरों—मुंबई, पुणे, लखनऊ, भोपाल, जयपुर सहित 20 प्रमुख शहरों में विस्तार दिया जाएगा। केंद्र का लक्ष्य है कि दिसंबर तक 5,000 से अधिक ड्राइवर इस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएं।
किसके तहत चलेगी यह सेवा?
भारत टैक्सी को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) ने मिलकर विकसित किया है। इसके संचालन के लिए सहकार टैक्सी को-ऑपरेटिव लिमिटेड नामक संस्था का गठन किया गया है। इसका संचालन एक विशेष काउंसिल करेगी, जिसके चेयरमैन के रूप में अमूल के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता को नियुक्त किया गया है।
ऐप से मिलेगी सुविधा, आसान और बहुभाषी इंटरफेस
भारत टैक्सी ऐप को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी के अलावा गुजराती और मराठी भाषाओं में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यूजर्स को बस ऐप डाउनलोड कर राइड बुक करनी होगी बिल्कुल ओला-उबर की तरह। भारत टैक्सी का मॉडल पूरी तरह मेंबरशिप आधारित होगा। ड्राइवरों को केवल दैनिक, साप्ताहिक या मासिक चार्ज** देना होगा, जो बेहद मामूली होगा। हर राइड का 100 प्रतिशत किराया ड्राइवर को मिलेगा।









