



nagpur violence-मुख्य आरोपियों को कोर्ट ने दी बड़ी राहत ,घर पर नहीं चलेगा बुलडोजर
nagpur violence-हालांकि, अदालत का आदेश पारित होने से पहले ही सोमवार दोपहर को फहीम खान की संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था
कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को लगाई कड़ी फटकार
नागपुर (BNE ): नागपुर हिंसा में आरोपी फहीम खान और यूसुफ शेख को नागपुर बेंच ने बड़ी रहत प्रदान की है। अदालत ने इस मामले में स्थानीय प्रशासन और अन्य अधिकारीयों की कार्यप्रणाली पर ऊँगली उठाते हुए कार्यवाही पर रोक लगा दी है। फहीम खान और यूसुफ शेख की संपत्तियों को गिराने पर हाई कोर्ट ने तत्काल रोक लगा दी है। कोर्ट ने संपत्ति मालिकों की सुनवाई न किए जाने पर चिंता व्यक्त की है।
हालांकि, अदालत का आदेश पारित होने से पहले ही सोमवार दोपहर को फहीम खान की संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। कोर्ट ने सरकार और नगर निगम के अधिकारियों को इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को निर्धारित की है। आज ही नगर निगम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में फहीम खान के दो मंजिला मकान को अवैध बताते हुए गिरा दिया था।
अधिकारियों के अनुसार, महल इलाके में स्थित आरोपी यूसुफ शेख के मकान के अवैध हिस्से को भी ढहा दिया गया है। माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फहीम खान के खिलाफ 17 मार्च को हुई हिंसा के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। वह उस हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 100 से अधिक लोगों में शामिल हैं।
सूत्रों की मानें तो नागपुर नगर निगम ने कुछ दिन पहले फहीम खान को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके मकान के लिए हाउसिंग प्लान की मंजूरी न होने और निर्माण में कमियों का उल्लेख किया गया था। इसके बाद यशोधरा नगर क्षेत्र की संजय बाग कॉलोनी में स्थित उनके मकान को सुबह करीब साढ़े 10 बजे नगर निगम की तीन जेसीबी मशीनों की सहायता से गिराना शुरू कर दिया गया था।
गौरतलब है कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में बनी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में 17 मार्च को प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान आयत लिखी चादर जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद हिंसक भीड़ ने कई इलाकों में पथराव और आगजनी की थी। इस हिंसा में डीसीपी स्तर के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।