



love jihad:लव जिहाद पर एमपी सरकार कसेगी लगाम, धर्म परिवर्तन पर मौत की सजा
सीएम यादव ने यह बात महिला दिवस के अवसर पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में कही।
मासूम बेटियों से दुष्कर्म करने वालों के खिलाफ सरकार बेहद सख्त है-CM MOHAN YADAV
भोपाल (BNE )भाजपा सरकार में लव जिहाद से निपटना वरीयता में है। इसी कड़ी में एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लव जिहाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोहन यादव ने कहा कि हम लव जिहादियों से सख्ती के साथ निपटेंगे।जबरन धर्मांतरण या दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे बलात्कारियों को बख्शा नहीं जाएगा।राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी। सीएम यादव ने यह बात महिला दिवस के अवसर पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में कही।
सीएम मोहन यादव ने लव जिहादियों से निटपने के लिए बड़े सख्त नियम कानून बनाये है. ताकि इस पर नकेल कस सके। उन्होंने कहा कि नाबालिगों से बलात्कार की सजा की तरह हमारी सरकार लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराने वालों के लिए भी मौत की सजा का प्रावधान करेगी। उन्होंने कहा कि मासूम बेटियों से दुष्कर्म करने वालों के खिलाफ सरकार बेहद सख्त है। हम अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करने वालों को नहीं छोड़ेंगे। इस संदर्भ में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन पर मौत की सजा
इसके अलावा, मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में धर्म परिवर्तन के लिए मृत्युदंड का भी प्रावधान होगा। हमारी सरकार बेटियों की सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए समर्पित है। हम ऐसी अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान पहले से ही मौजूद है।
सीएम यादव ने कहा कि यहां धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू है, ताकि लोगों को दूसरे धर्म में शादी करने या धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। हमारी सरकार धर्म परिवर्तन या दुराचार जैसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
धार्मिक स्वतंत्रता कानून क्या है?
मध्य प्रदेश सरकार ने 8 मार्च, 2021 को अपनी विधानसभा में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया। इसमें भाजपा ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अपना रुख कड़ा किया था। नए कानून में अवैध धर्मांतरण के दोषी को 10 साल तक की कैद और भारी जुर्माने का प्रावधान है। जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर एक से पांच साल की कैद और 25,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। जबकि नाबालिग, महिला या एससी/एसटी के मामले में दो से 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के लिए क्या है सजा
अपराध सजा
गैरकानूनी धर्मांतरण एक से पांच साल तक की जेल और 25000 रुपये का जुर्माना
नाबालिग, महिला या SC/ST के मामलों में धर्मांतरण दो से दस साल तक की जेल और 50 हजार रुपये का जुर्माना
आप जिस व्यक्ति से विवाह करना चाहते हैं, उसे यह बताकर गुमराह करना कि आप किस धर्म को मानते हैं. तीन से दस साल तक की जेल और 50 हजार रुपये का जुर्माना
दो से अधिक लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन पांच से दस साल तक की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना
अगर कोई व्यक्ति जिला मजिस्ट्रेट को 60 दिन पहले सूचित किए बिना धर्म परिवर्तन करता है. तीन से पांच साल तक की जेल और पचास हजार रुपये का जुर्माना
यदि कोई अपना धर्म बदलना चाहे तो क्या होगा?
यदि कोई व्यक्ति अपना धर्म बदलना चाहता है, तो उसे जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष यह घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तथा इसमें कोई अवैध तरीका शामिल नहीं है। उन्हें धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले डीएम को एक घोषणापत्र प्रस्तुत करना होगा।