



क्या गेहूं की रोटी होती जा रही है अनहेल्दी,डायटीशियन से जाने खाने का सही तरीका
गेहूं के आटा में ग्लूटेन होता है जो कुछ लोगों में बीमारियों को न्योता देता है।
गलत तरीके से आटा गूंथने से बढ़ रही बीमारियां-आहार विशेषज्ञ
(BNE -डेस्क)आजकल सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गयी है कि गेहूं की रोटी से तमाम तरह की बीमारियों होने का खतरा है। गेहूं के आटा में ग्लूटेन होता है जो कुछ लोगों में बीमारियों को न्योता देता है। आहार विशेषज्ञ बताते है कि गेहूं की रोटी तो सदियों से खायी जा रही है तो आखिर अब क्यों ये बीमारियों की वजह बनती जा रही है।इसके पीछे कारण क्या है? आइये इस पर आहार विशेषज्ञ की राय जानें।
क्या कहते हैंआहार विशेषज्ञ ?
सोशल मीडिया पर मशहूर डाइटीशियन निधि शुक्ला पांडे कहती है कि लोग गेहूं के आटे को हानिकारक मानते हैं और इसमें ग्लूटेन होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन पहले के समय में भी लोग इस आटे से बनी रोटी बड़ी मात्रा में खाते थे, लेकिन कभी बीमार नहीं पड़े, तो इसका क्या कारण है?
गलत तरह से आटा गूंथा जा रहा है
आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि पहले के समय में लोग आटा गूंथते थे, उस पर पानी छिड़कते थे या तेल से मालिश करते थे, उसे कपड़े से ढक देते थे और आटे को कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ देते थे। इस प्रक्रिया का पालन करने से आटे में मौजूद ग्लूटेन के कारण एक लोचदार अवस्था बनती है, जो आपके शरीर को लाभ पहुंचाएगी और आपके शरीर द्वारा अवशोषित कर ली जाएगी। लेकिन आजकल की जीवनशैली में लोग तुरंत आटा मिला देते हैं और फिर रोटी बनाना शुरू कर देते हैं। उनका कहना है कि हम आटे को जमने के लिए पर्याप्त समय भी नहीं देते, जिससे रोटी अधिक स्वास्थ्यवर्धक बनती है। इसके अलावा आटे में मिलाकर फ्रिज में रखना और उस आटे से बनी रोटी खाना भी हानिकारक है।
आटा मिलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
यदि आटा गेहूं का है, तो इसे सामान्य रूप से मिलाएं।
ग्लूटेन से प्रभावित लोगों को केवल गेहूं का आटा ही नहीं खाना चाहिए, उन्हें आटे में अन्य अनाज भी शामिल करना चाहिए।
आटा गूंथने के बाद उसे कुछ मिनट के लिए ऐसे ही रहने दें।
आटे को ढकते समय उस पर पानी या तेल छिड़कें।
आटा गूंथने के बाद 1 घंटे के अंदर रोटी बना लें।