



भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता तेज़: टैरिफ में रियायत से ट्रंप खुश, भारत की भी चमक बढ़ेगी
500 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर कदम; जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ नहीं लेकिन क्षेत्रों विशेष में रियायतों पर बनेगी सहमति, दोनों देशों को मिलेगा लाभ
भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच इस सप्ताह क्षेत्र-विशिष्ट व्यापार वार्ता शुरू हो रही है, जिसमें दोनों पक्ष रियायतों के संभावित क्षेत्रों को लेकर अधिक स्पष्टता चाहते हैं।
हालांकि ‘जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ’ रणनीति उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच संभव होती है, लेकिन भारत और अमेरिका जैसे अलग-अलग आर्थिक स्तर वाले देशों के लिए यह व्यावहारिक नहीं है। ऐसे में दोनों देश एक संतुलित समाधान की दिशा में बढ़ रहे हैं।
वर्तमान में भारत-अमेरिका व्यापार 191 अरब डॉलर का है, और दोनों देशों की मंशा है कि इसे 500 अरब डॉलर तक पहुँचाया जाए। जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद इस दिशा में गति आई है।
अमेरिका भारत से पेट्रोकेमिकल्स, डेयरी, वाइन, इलेक्ट्रिक वाहन और औद्योगिक वस्तुओं पर टैरिफ रियायतों की उम्मीद कर रहा है, जबकि भारत की मांगें वस्त्र, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में शुल्क कटौती पर केंद्रित हैं।
हालांकि भारत के लिए कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्र वार्ता में शामिल करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहमति से दोनों देशों को आर्थिक और रणनीतिक लाभ मिलने की पूरी संभावना है।