



कुवैत में नमाज़ पर नई पाबंदी: सरकार ने दी इमामों को सख्त हिदायत
बिजली संकट से निपटने के लिए कुवैत सरकार का बड़ा फैसला, नमाज़ की रस्मों को छोटा करने के आदेश, भारत में खलबली मचना तय
मुस्लिम देशों में अपनी सख्त नीतियों के लिए पहचाने जाने वाला कुवैत एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला है मस्जिदों में पढ़ी जाने वाली नमाज़ से जुड़ा। कुवैत सरकार ने मस्जिदों में बढ़ती बिजली खपत और संभावित संकट को देखते हुए नमाज़ को छोटा करने का फरमान सुनाया है। इस आदेश के बाद भारत समेत कई देशों के मुस्लिम समुदाय में हलचल मच गई है।
कुवैत के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने 2024 के परिपत्र संख्या 8 के तहत देश के सभी इमामों और मुअज्जिनों को निर्देश दिया है कि वे जुहर और अस्र की नमाज़ों में इक़ामा की अवधि कम करें और लंबी नमाज़ से परहेज़ करें। यह आदेश बिजली, जल और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के आग्रह पर जारी किया गया है, क्योंकि देश में बिजली कटौती की योजना बनाई जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि जहां कुवैत जैसे मुस्लिम देश बिजली बचाने के लिए धार्मिक परंपराओं में बदलाव कर रहे हैं, वहीं भारत के संभल जिले में कई मस्जिदों और मदरसों पर बिजली चोरी के गंभीर आरोप हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संभल में 1400 से ज्यादा बिजली चोरी के केस दर्ज हुए हैं, जिनमें से 16 मस्जिदों और 2 मदरसों पर करोड़ों की बिजली चोरी का आरोप है।
यह उदाहरण दर्शाता है कि मुस्लिम देशों में जहां आदेशों का सख्ती से पालन होता है, वहीं भारत में इस तरह के मुद्दे तुरंत विवाद का रूप ले लेते हैं।