



गाजा सिटी(एजेंसी) गाजा संघर्ष विराम समझौता पर अमल होना शुरू हो गया है जिसकी वजह से हमास ने जो इजरायली महिलाओं को बंधक बनाया था, उन चार महिलाओं को हमास ने रेड क्रॉस को सौंप दिया है।इन चारों की रिहाई गाजा संघर्ष विराम समझौते के तहत हुई। इनकी रिहाई के बदले में इजरायल फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा।इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि चारों बंधक रेड क्रॉस के पास हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चारों महिलाओं की रिहाई से पहले गाजा शहर के फिलिस्तीन चौक पर हमास के बंदूकधारी और बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इक्ट्ठा हो गई।
महिलाओं को एक फिलिस्तीनी वाहन से बाहर निकालकर मंच पर लाया गया। उन्होंने मुस्कुराते हुए भीड़ की ओर हाथ हिलाया। फिर वे रेड क्रॉस की गाड़ियों में बैठ गईं।
चारों बंधकों को जैसे ही गाजा में रेड क्रॉस को सौंप गाया, तेल अवीव के एक चौक पर खुशी की लहर दौड़ गई, जहां बंधकों के परिवार और दोस्त जमा हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी स्क्रीन पर चारों की रिहाई को लाइव दिखाया गया और तेल अवीव में लोगों को रोते, मुस्कुराते और एक-दूसरे को गले लगाते हुए देखा गया।
हमास ने जिनको रिहा किया है उनमें – इजरायल के मोशाव येरुहाव की 19 वर्षीय लिरी अलबाग, यरूशलेम की 20 वर्षीय करीना एरीव, मध्य इजरायल के पेटाह टिकवा की 20 वर्षीय डेनियल गिल्बोआ और मध्य इजरायल के राआनाना की 20 वर्षीय नामा लेवी शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक चारों महिलाएं इजरायली सैनिक हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान इजरायल के नाहल ओज सैन्य अड्डे से ले गाजा ले जाया गया था। वे एक सैन्य निगरानी इकाई की सदस्य थीं।
इन चारों के बदले इजरायल 200 फिलिस्तीनी बंदियों को मुक्त करेगा। इजरायल कुल मिलाकर 1800-1900 फिलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा।