



सीरिया में बर्बरता की हदें पार! महिलाओं को निर्वस्त्र कर मारा गया, सड़कों पर बिछी लाशें
लताकिया और टाटस में भीषण हिंसा, रमजान के पाक महीने में खून की नदियां
सीरिया के लताकिया और टाटस प्रांतों में बीते कुछ दिनों से भयानक हिंसा जारी है। सरकारी सुरक्षाबलों और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थकों के बीच भड़की इस खूनी जंग में अब तक 1,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। बीते दो दिनों में ही 745 नागरिकों की हत्या कर दी गई, जिनमें से अधिकांश अलावी मुस्लिम समुदाय के थे।
गवाहों और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिलाओं के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं। उन्हें निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया और फिर गोली मार दी गई। पुरुषों को कुत्तों की तरह घुटनों पर चलने के लिए मजबूर किया गया। इस वीभत्स हिंसा ने पूरे क्षेत्र को दहशत में डाल दिया है।
ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ (SOHR) के अनुसार, यह पिछले 14 वर्षों में सीरिया की सबसे घातक घटनाओं में से एक है। मृतकों में अधिकांश अलावी समुदाय के लोग हैं, जिन्हें करीब से गोली मारी गई या फांसी दे दी गई। राष्ट्रपति असद ने हिंसा की जांच के लिए स्वतंत्र समिति गठित करने का ऐलान किया है।
यह संघर्ष 6 मार्च को तब शुरू हुआ, जब सुरक्षा बलों ने जबलेह शहर के पास एक वॉन्टेड अपराधी को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन असद समर्थकों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया, जिससे हालात बेकाबू हो गए। लताकिया और बनियास शहरों में तबाही का मंजर देखा जा सकता है। सड़कों पर शव बिछे हैं, घर जला दिए गए हैं।
सीरिया की सरकारी एजेंसी के अनुसार, सुरक्षा बलों ने असद समर्थकों के कब्जे वाले अधिकतर इलाकों पर नियंत्रण वापस पा लिया है। हालांकि, हिंसा के डर से लोग लेबनान और रूसी वायुसैनिक अड्डे की ओर पलायन कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अल्पसंख्यक अलावी समुदाय की सुरक्षा की अपील की जा रही है।