



20 साल बाद रूस ने हटाया तालिबान पर से ‘आतंकी संगठन’ का ठप्पा, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
कूटनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव, अफगानिस्तान में तालिबान की वैधता को मिल सकती है अंतरराष्ट्रीय ताकतो से मान्यता
रूस की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तालिबान को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा दिया। 2003 से तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाला रूस अब आधिकारिक रूप से उनके साथ बातचीत के लिए तैयार दिखाई दे रहा है।
यह कदम रूस के रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण में बड़े बदलाव का संकेत देता है। अफगानिस्तान में 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से तालिबान लगातार अंतरराष्ट्रीय मान्यता की कोशिश कर रहा है, और रूस का यह फैसला उनकी वैधता की दिशा में एक बड़ा समर्थन माना जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने रूस द्वारा आयोजित विभिन्न मंचों में भाग लिया है, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मास्को उन्हें क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरणों का हिस्सा मानने को तैयार है। इस फैसले से पहले, रूस की संसद ने एक कानून पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि किसी आतंकवादी संगठन की स्थिति को अदालत द्वारा बदला जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला रूस को मध्य एशिया में एक प्रभावशाली शक्ति दलाल के रूप में स्थापित करने की उसकी रणनीति का हिस्सा है। वहीं, यह तालिबान के लिए भी एक कूटनीतिक जीत है, जो अब वैश्विक मान्यता की ओर एक कदम और बढ़ा चुका है।