मुख्यमंत्री ने पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को सम्मानित किया
लखनऊ : (BNE) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश में खेलों के लिए बेहतरीन वातावरण निर्मित किया गया है। इस दृष्टि से विगत 10 वर्षों में किए गए नियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। प्रधानमंत्री जी ने खेलो इंडिया से इस अभियान का शुभारम्भ किया था। फिट इंडिया मूवमेंट तथा सांसद खेलकूद प्रतियोगिता जैसे आयोजनों से खेल प्रतिभाओं को नया मंच प्राप्त हुआ है। अब गांव, शहर तथा विश्वविद्यालय स्तर पर लीग प्रतियोगिताएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। इनमें विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग खेलों में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस कार्य के लिए अवसंरचना अत्यन्त आवश्यक होती है। डबल इंजन सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पेरिस ओलम्पिक गेम्स-2024 तथा पेरिस पैरालम्पिक गेम्स-2024 में प्रदेश के पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पदक विजेता व प्रतिभागी खिलाड़ियों तथा पैरालम्पिक गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों तथा प्रशिक्षकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज यहां वर्ष 2024 के पेरिस ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक में प्रतिभाग करने वाले तथा पदक प्राप्त करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। पेरिस ओलम्पिक गेम्स 2024 में प्रदेश के 06 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। इनमें ललित कुमार उपाध्याय तथा राजकुमार पाल द्वारा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य के रूप में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें एक-एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पेरिस ओलम्पिक गेम्स-2024 तथा पेरिस पैरालम्पिक गेम्स-2024 में प्रदेश के पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पदक विजेता व प्रतिभागी खिलाड़ियों तथा पैरालम्पिक गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों तथा प्रशिक्षकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज यहां वर्ष 2024 के पेरिस ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक में प्रतिभाग करने वाले तथा पदक प्राप्त करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। पेरिस ओलम्पिक गेम्स 2024 में प्रदेश के 06 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। इनमें ललित कुमार उपाध्याय तथा राजकुमार पाल द्वारा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य के रूप में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें एक-एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है।
पेरिस ओलम्पिक-2024 में प्रतिभाग करने पर सुश्री पारुल चौधरी, सुश्री प्रियंका, सुश्री अन्नू रानी तथा सुश्री प्राची को 10-10 लाख रुपए पुरस्कार राशि प्रदान की गई है। पेरिस पैरालम्पिक गेम्स-2024 में प्रदेश के 08 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था, इनमें से पैराएथलेटिक्स हाई जम्प टी-64 में स्वर्ण पदक विजेता प्रवीन कुमार को 06 करोड़ रुपए, पैरा बैडमिंटन एस0 एल0-04 रजत पदक विजेता सुहास एल0वाई0 तथा पैराएथलेटिक्स जेवलिन एफ0-46 के रजत पदक विजेता अजीत सिंह को चार-चार करोड़ रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया।
सुश्री प्रीति पाल को पैराएथलेटिक्स 100 मीटर एवं 200 मीटर टी-35 में कांस्य पदक जीतने पर 04 करोड़ रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। पैराएथलेटिक्स 200 मीटर टी-12 में कांस्य पदक जीतने पर सुश्री सिमरन को 02 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। पैराएथलेटिक्स जेवलिन एफ-54 में दीपेश कुमार, पैराएथलेटिक्स डिस्कस एफ-55 में सुश्री साक्षी कसाना, पैराकैनाई 200 मीटर के एल- 1 में यश कुमार द्वारा प्रतिभाग करने पर प्रत्येक को 10-10 लाख पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशल प्रशिक्षक ही राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की पीढ़ी तैयार करते हैं। पैरालम्पिक गेम्स में प्रदेश के चार प्रशिक्षकों के खिलाड़ियों ने स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीते। आज यहां यह प्रशिक्षक भी पुरस्कार राशि से सम्मानित किए गए हैं। इनमें स्वर्ण पदक विजेता प्रवीन कुमार को प्रशिक्षित करने वाले डॉ0 सत्यपाल सिंह, रजत पदक विजेता सुहास एल0वाई0 को प्रशिक्षित करने वाले गौरव खन्ना, रजत पदक विजेता अजीत सिंह को प्रशिक्षित करने वाले राकेश कुमार यादव तथा कांस्य पदक विजेता सुश्री प्रीति पाल एवं सुश्री सिमरन को प्रशिक्षित करने वाले गजेंद्र सिंह सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी तथा बड़ी प्रतियोगिताएं हमें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती हैं। ओलम्पिक में प्रतिभाग करना ही बहुत कठिन कार्य है। इसके लिए कठिन परिश्रम से स्वयं को तराशना पड़ता है। आज जितने भी खिलाड़ियों को यहां सम्मानित किया गया है, इन सभी ने अपने परिश्रम की पराकाष्ठा से ओलम्पिक में देश का परचम लहराकर देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम किया है। जब प्रदेश का खिलाड़ी देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम करता है, तो प्रदेश का सम्मान स्वयं ही बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा तथा प्रधानमंत्री आधुनिक भारत के शिल्पी हैं। विश्वकर्मा जयंती तथा प्रधानमंत्री के जन्म दिवस 17 सितम्बर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस पखवाड़े के अंतर्गत मनाए जाने वाले अनेक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक खिलाड़ियों के सम्मान का कार्यक्रम रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खेल के क्षेत्र में एक बड़े लक्ष्य के साथ कार्य करना प्रारम्भ किया है। वर्तमान में प्रदेश में 84 स्टेडियम, 02 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 67 बहुउद्देशीय हॉल, 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम, तीन सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 02 जूडो हॉल, 13 कुश्ती हॉल, 06 शूटिंग रेंज, 02 इनडोर वॉलीबॉल हॉल, 12 वेटलिफ्टिंग हॉल, 14 सिंथेटिक बास्केटबॉल कोर्ट, 16 छात्रावास भवन, 19 डॉरमेट्री, 47 अत्याधुनिक जिम सेंटर, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं।
प्रदेश सरकार प्रत्येक जनपद में स्टेडियम के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ा रही है। प्रदेश के सभी 826 विकास खण्डों में मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु जिला प्रशासन से जमीन आरक्षित करने के लिए कहा गया है। मिनी स्टेडियम के लिए कम से कम 05 एकड़ भूमि होनी चाहिए। प्रदेश में 57000 से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल का मैदान और ओपन जिम के निर्माण की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में युवक मंगल दल व महिला मंगल दल को विभिन्न खेलों से सम्बन्धित स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराई जा रही हैं। ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, विश्व कप तथा एशियाई गेम्स के पूर्व खिलाड़ियों को स्पेशल इन्सेंटिव के साथ प्रशिक्षक के रूप में तैनात करने के लिए खेल विभाग से कहा गया है।
सुश्री प्रीति पाल को पैराएथलेटिक्स 100 मीटर एवं 200 मीटर टी-35 में कांस्य पदक जीतने पर 04 करोड़ रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। पैराएथलेटिक्स 200 मीटर टी-12 में कांस्य पदक जीतने पर सुश्री सिमरन को 02 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। पैराएथलेटिक्स जेवलिन एफ-54 में दीपेश कुमार, पैराएथलेटिक्स डिस्कस एफ-55 में सुश्री साक्षी कसाना, पैराकैनाई 200 मीटर के एल- 1 में यश कुमार द्वारा प्रतिभाग करने पर प्रत्येक को 10-10 लाख पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशल प्रशिक्षक ही राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की पीढ़ी तैयार करते हैं। पैरालम्पिक गेम्स में प्रदेश के चार प्रशिक्षकों के खिलाड़ियों ने स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीते। आज यहां यह प्रशिक्षक भी पुरस्कार राशि से सम्मानित किए गए हैं। इनमें स्वर्ण पदक विजेता प्रवीन कुमार को प्रशिक्षित करने वाले डॉ0 सत्यपाल सिंह, रजत पदक विजेता सुहास एल0वाई0 को प्रशिक्षित करने वाले गौरव खन्ना, रजत पदक विजेता अजीत सिंह को प्रशिक्षित करने वाले राकेश कुमार यादव तथा कांस्य पदक विजेता सुश्री प्रीति पाल एवं सुश्री सिमरन को प्रशिक्षित करने वाले गजेंद्र सिंह सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी तथा बड़ी प्रतियोगिताएं हमें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती हैं। ओलम्पिक में प्रतिभाग करना ही बहुत कठिन कार्य है। इसके लिए कठिन परिश्रम से स्वयं को तराशना पड़ता है। आज जितने भी खिलाड़ियों को यहां सम्मानित किया गया है, इन सभी ने अपने परिश्रम की पराकाष्ठा से ओलम्पिक में देश का परचम लहराकर देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम किया है। जब प्रदेश का खिलाड़ी देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम करता है, तो प्रदेश का सम्मान स्वयं ही बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा तथा प्रधानमंत्री आधुनिक भारत के शिल्पी हैं। विश्वकर्मा जयंती तथा प्रधानमंत्री के जन्म दिवस 17 सितम्बर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस पखवाड़े के अंतर्गत मनाए जाने वाले अनेक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक खिलाड़ियों के सम्मान का कार्यक्रम रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खेल के क्षेत्र में एक बड़े लक्ष्य के साथ कार्य करना प्रारम्भ किया है। वर्तमान में प्रदेश में 84 स्टेडियम, 02 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 67 बहुउद्देशीय हॉल, 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम, तीन सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 02 जूडो हॉल, 13 कुश्ती हॉल, 06 शूटिंग रेंज, 02 इनडोर वॉलीबॉल हॉल, 12 वेटलिफ्टिंग हॉल, 14 सिंथेटिक बास्केटबॉल कोर्ट, 16 छात्रावास भवन, 19 डॉरमेट्री, 47 अत्याधुनिक जिम सेंटर, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं।
प्रदेश सरकार प्रत्येक जनपद में स्टेडियम के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ा रही है। प्रदेश के सभी 826 विकास खण्डों में मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु जिला प्रशासन से जमीन आरक्षित करने के लिए कहा गया है। मिनी स्टेडियम के लिए कम से कम 05 एकड़ भूमि होनी चाहिए। प्रदेश में 57000 से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल का मैदान और ओपन जिम के निर्माण की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में युवक मंगल दल व महिला मंगल दल को विभिन्न खेलों से सम्बन्धित स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराई जा रही हैं। ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, विश्व कप तथा एशियाई गेम्स के पूर्व खिलाड़ियों को स्पेशल इन्सेंटिव के साथ प्रशिक्षक के रूप में तैनात करने के लिए खेल विभाग से कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने तथा पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरुष वर्ग में लक्ष्मण पुरस्कार तथा महिला वर्ग में रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार की घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत उन्हें नकद पुरस्कार राशि के साथ-साथ प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जाता है। अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार व खेल के क्षेत्र में पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित खिलाड़ियों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह वित्तीय सहायता तथा वृद्ध, अशक्त एवं विपदाग्रस्त राज्य स्तर के खिलाड़ियों को 04 हजार रुपये, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 06 हजार रुपये तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन एवं संवर्धन हेतु एकलव्य क्रीडा कोष का गठन किया गया है। जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर आगे बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा कहती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ अर्थात् सर्वश्रेष्ठ जीवन यापन के सभी साधन स्वस्थ शरीर से सम्भव हो सकते हैं। स्वस्थ शरीर के लिए व्यवस्थित जीवन शैली की आवश्यकता होती है। खेल खिलाड़ियों की दिनचर्या का हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न खेलों में मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि प्राप्त होने के साथ-साथ नौकरियां भी उनका इंतजार कर रही हैं।
हॉकी खिलाड़ी ललित कुमार उपाध्याय, क्रिकेट खिलाड़ी सुश्री दीप्ति शर्मा, एथलेटिक्स खिलाड़ी सुश्री पारुल चौधरी, शूटिंग खिलाड़ी अखिल श्योराण, कबड्डी खिलाड़ी अर्जुन देशवाल को पुलिस उपाधीक्षक, जूडो खिलाड़ी विजय कुमार यादव तथा कुश्ती खिलाड़ी सुश्री दिव्या काकरान को नायब तहसीलदार, कैनो स्प्रिंट खिलाड़ी अर्जुन सिंह को यात्री कर माल कर अधिकारी, एथलेटिक्स खिलाड़ी सुश्री प्राची एवं रोइंग खिलाड़ी पुनीत कुमार को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक दल अधिकारी के पद पर नियुक्ति दी गई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में भी विश्व चैम्पियनशिप या राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ऐसे 500 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने युवा खिलाड़ियों का आह्वान करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को समय का उचित उपयोग करने की आदत डालनी चाहिए। युवाओं को स्मार्टफोन का उपयोग संतुलित रूप से तथा आवश्यक कार्यों के लिए करना चाहिए। स्मार्टफोन का अनावश्यक प्रयोग दृष्टि को कमजोर तथा समय को नष्ट करता है। उन्होंने कहा कि नशा नाश का कारण है। इसलिए युवाओं को नशे से हमेशा दूर रहना चाहिए। जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय प्रतियोगी प्रारम्भ में ही अपना लक्ष्य तय कर लेता है, उसी तरह खिलाड़ी भी खेल को अपने जीवन का लक्ष्य मानकर आगे बढ़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जितनी अधिक मेहनत करेंगे तथा पसीना बहाएंगे, विश्व स्तर की प्रतियोगिताओं में आपके प्रदर्शन से विपक्षी का उतना अधिक पसीना बहेगा। उस समय आपको अभूतपूर्व संतुष्टि प्राप्त होगी। वह किसी भी मेडल से बढ़कर होगी। यदि अपनी मंजिल प्राप्त करनी है, तो जीवन में कभी शॉर्टकट का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। मेहनत, परिश्रम तथा पुरुषार्थ से अपना लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन खिलाड़ियों को यहां सम्मानित किया गया है, उनमें से ललित कुमार उपाध्याय तथा राजकुमार पाल ने प्रदेश के छोटे से जनपद गाजीपुर में निजी खेल अकादमी के साथ जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त किया। आज वह ओलम्पिक में खेल रहे हैं तथा शानदार कैरियर के साथ आगे बढ़ रहे हैं। गौतमबुद्धनगर के प्रवीन कुमार ने पैरालम्पिक में गोल्ड मेडल जीता है। पहले उनके परिवार के लोग भी उनके भविष्य को लेकर चिंतित थे। उन्होंने अपनी दिव्यांगता को पछाड़कर गोल्ड मेडल प्राप्त कर स्वयं की प्रतिभा को साबित किया। ऐसे ही अन्य खिलाड़ियों की भी कहानी है। इनमें से बहुत सारे खिलाड़ी ऐसे रहे होंगे, जिन्होंने सड़कों पर दौड़कर, मिट्टी के अखाड़े में कुश्ती लड़कर खेलों में अपना स्थान बनाया होगा।
आज केंद्र व राज्य सरकार खिलाड़ियों को पर्याप्त मात्रा में संसाधन तथा अच्छे प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रशिक्षक भी उपलब्ध करा रही हैं। खिलाड़ियों को इसका लाभ लेना चाहिए। उन्होंने खेल विभाग से नवोदित खिलाड़ियों को पदक विजेता खिलाड़ियों के छोटे-छोटे वीडियो उपलब्ध कराने को कहा ताकि वह वीडियो देखकर प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि तत्पश्चात प्रशिक्षण के माध्यम से इन्हें आगे बढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाना चाहिए। यदि खिलाड़ियों के मन में कुछ प्राप्त करने का जुनून होगा तो वह अवश्य प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेरिस ओलम्पिक गेम्स-2024 के लिए 02 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि ही पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जा रही है। ओलम्पिक में खिलाड़ियों को अपनी मेहनत से इससे अधिक राशि प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्हें स्वयं को तैयार करना पड़ेगा। पैरालम्पिक गेम्स-2024 में 20 करोड़ 30 लाख रुपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए जा रहे हैं, जो ओलम्पिक की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक राशि है। यह चीजें दिखाती हैं कि पैरालम्पिक का क्षेत्र व्यापक रूप से आगे बढ़ा है। इन लोगों ने थोड़ा सा अवसर प्राप्त होने पर लम्बी छलांग लगाई है।
कार्यक्रम में खेलों को बढ़ावा देने के लिए देश व प्रदेश में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह, खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य इंजी0 अवनीश कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व खिलाड़ी तथा उनके अभिभावक उपस्थित थे।
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