बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(BNE) चर्चित किशोरी रेप कांड में साक्ष्य मिटाने के प्रयास करने के आरोपी की जेल से रिहाई के बाद एसपी ने जेल चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई की है। इसके अलावा कोर्ट में तैनात 2 सिपाहियों पर कार्रवाई करते हुए तीनों पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
नाबालिग से रेप मामले में नवाब सिंह यादव के भाई नीलू की 1 दिन पहले जेल से रिहाई हो गई थी। जिसके बाद से वह फरार हो गया हालांकि उसी दिन पुलिस ने नीलू यादव पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर दी। जिस कारण नीलू की रिहाई के वक्त ही उसकी गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी। माना जा रहा है कि इस मामले में चौकी इंचार्ज द्वारा लापरवाही बरतने के कारण ही नीलू फरार हो गया। 72 घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से नीलू दूर है। इस मामले की गोपनीय जांच में अनौगी जेल चौकी इंचार्ज किशनवीर सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अभियोजन कार्यालय में तैनात हेड कॉन्स्टेबल अवधेश और कॉन्स्टेबल अनिल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। रविवार को एसपी अमित कुमार आनंद ने चौकी इंचार्ज किशनवीर और अभियोजन कार्यालय में तैनात सिपाही अवधेश और अनिल को सस्पेंड कर दिया।
मीडिया सेल प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि अनौगी चौकी इंचार्ज और अभियोजन कार्यालय के 2 सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है। इन तीनों को कार्य में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड किया गया।
जेल से छूटते ही नीलू यादव फरार हो गया। सदर कोतवाली पुलिस दो घंटे लेट हो गई। अब पुलिस गैंगस्टर में गिरफ्तारी के लिए परिजनों को हिरासत में लेकर दबाव बना रही है।
कल देर शाम गैंगस्टर का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस आगे की कार्रवाई करती इससे पहले दूसरे मामले में जमानत के बाद रिहाई का परवाना जेल पहुंच गया और नीलू को रिहा कर दिया गया। पुलिस द्वारा गैंगस्टर की प्रक्रिया करनें लगी देरी का फायदा नीलू ने उठाया। अब पुलिस नये सिरे से नीलू की तलाश में जुटी है।