नई दिल्ली-नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट ने मॉल्स को लेकर दी चौंकाने वाली रिपोर्ट
देश का हर पांचवां मॉल बंद हो चुका है या बंद होने के कगार पर
अगर इन्हें रेनोवेट किया जाए तो सालाना करीब 350 करोड़ रूपये की अतिरिक्त कमाई की जा सकती है।
नई दिल्ली (BNE )नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 32 बड़े शहरों के 365 मॉल्स का सर्वे करने पर पता चला है कि इसमें से 75 यानि 20 फीसदी मॉल्स या शॉपिंग कॉम्पलेक्स खाली पड़े हैं या घोस्ट मॉल बन गए हैं, लेकिन नई प्लानिंग से इन्हें रेनोवेट किया जाए तो इनकी पुरानी रौनक वापस लाई जा सकती है।
दिल्ली के अंसल प्लाजा का बुरा हाल
दिल्ली के अंसल प्लाजा से न जाने कितने लोगों की यादें जुड़ी हुई होंगी, मोटे तौर पर इसे दिल्ली एनसीआर का पहला मॉल्स या बड़ा शॉपिंग कॉप्लेक्स कहा जा सकता है। एक वक्त में यहां जबरदस्त फ़ुटफॉल होता था,माहौल गुलजार रहता था। लेकिन आज सन्नाटा पसरा हुआ है। गिनी चुनी खाने पीने के दुकानों को छोड़ दें तो यहां बिजनेस एक्टिविटी न के बराबर है।
देश के 32 शहरों के 75 मॉल्स या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स वीरान पड़े
इसे खराब प्लानिंग या डिजाइनिंग कहें या समय की मार या फिर शॉपिंग एक्सपीरियंस को लेकर लोगों की बदलती पसंद। देश के 32 शहरों के 75 मॉल्स या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स वीरान पड़े हुए हैं। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में ऐसे प्रॉपर्टीज को घोस्ट मॉल्स कहा है। ऐसे मॉल्स में 80 फीसदी दुकानें खाली हैं और मेंटेनेंस नहीं होने से इंफ्रास्ट्रक्चर दिनों दिन बेकार होता जा रहा है।
सबसे ज्यादा घोस्ट मॉल बड़े शहरों और मेट्रो में
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2025 के मुताबिक सबसे ज्यादा घोस्ट मॉल बड़े शहरों और मेट्रो में हैं। जबकि टियर 2 शहरों में ऑक्युपेंसी लेवल बेहतर है। बंद पड़े मॉल में करीब 1.55 करोड़ स्क्वायर फीट एरिया बेकार पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इन्हें रेनोवेट किया जाए तो सालाना करीब 350 करोड़ रूपये की अतिरिक्त कमाई की जा सकती है।










