बाँदा: मछली पट्टा विवाद में लापता ग्रामीण की हत्या का शक गहराया, कुएँ से मिला शव
– पुलिस पर लापरवाही के आरोप
जसपुरा (बाँदा)। मछली पट्टा विवाद ने जसपुरा क्षेत्र के ग्राम रामपुर में एक गंभीर मोड़ ले लिया है। 25 नवंबर से लापता 45 वर्षीय महेन्द्र उर्फ़ राजू का शव कल शाम तालाब के पास स्थित एक कुएँ से बरामद हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि परिवार के अनुसार पुलिस ने 27 नवंबर को इसी कुएँ की तलाशी ली थी, लेकिन तब कोई शव नहीं मिला था। इससे पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं।

लापता होने से लेकर शव मिलने तक—कई सवालों वाला पूरा घटनाक्रम
25 नवंबर: महेन्द्र अपने साझेदारों अच्छन और रईस बाबू के साथ तालाब पर मछली निकालने गया था। शाम तक परिवार से बात हुई, उसके बाद मोबाइल बंद मिला।
26 नवंबर: गुमशुदगी दर्ज हुई, लेकिन तीन दिन तक कोई सुराग नहीं।
27 नवंबर: पुलिस ने तालाब और कुएँ की जाँच की, परिवार का दावा—“तब कुएँ में कुछ नहीं था।”
कल शाम: उसी कुएँ से बदबू आने पर ग्रामीणों ने सूचना दी, पुलिस पहुँची तो वहाँ महेन्द्र का शव मिला।
इस टाइमलाइन ने ग्रामीणों में शक गहरा दिया है कि शव बाद में कुएँ में डाला गया।
परिवार के गंभीर आरोप—“हत्या के बाद षड्यंत्र, पुलिस ने भी छिपाया सच?”
मृतक की पत्नी नीलम देवी ने आरोप लगाया:

मछली बेचने के पैसों को लेकर विवाद चल रहा था।
साझेदार अच्छन और रईस बाबू पर हत्या कर शव गायब करने का शक।
पुलिस पर शुरुआत से लापरवाही और जाँच में गड़बड़ी का आरोप।
“जिस कुएँ को पुलिस ने पहले चेक किया, वहीँ से अब शव कैसे मिला?”
परिवार इसे “हत्या के साथ सबूत मिटाने की कोशिश” बता रहा है।
कुएँ से मिली लाश, गाँव में दहशत और आक्रोश
ग्रामीणों ने कुएँ से बदबू आने पर पुलिस को सूचना दी।
शव मिलने के बाद गाँव में तनाव फैल गया। लोग खुलकर कह रहे हैं—
“कुएँ में शव बाद में डाला गया है, पुलिस की जाँच शुरू से ढीली थी।”
पोस्टमार्टम आज, मौत के कारणों पर टिकी नज़र
आज पोस्टमार्टम होगा, जिसमें निम्न बिंदुओं की जाँच की जा रही है—
डूबने से मौत
गला दबाने के निशान
सिर या शरीर पर चोट
मौत का अनुमानित समय
रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि हत्या हुई या दुर्घटना।
पुलिस की बढ़ी सक्रियता, पर संदेह कम नहीं
पुलिस ने साझेदारों अच्छन और रईस बाबू को पूछताछ में शामिल किया है।
थाना प्रभारी जसपुरा ने कहा—
“पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जाँच तेज कर दी गई है।”
लेकिन परिवार और ग्रामीणों का भरोसा पुलिस पर नहीं है।
गाँव में तनाव, निष्पक्ष उच्चस्तरीय जाँच की मांग
परिवार ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है—
जाँच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए
कुएँ व तालाब की फोरेंसिक टाइमलाइन जाँच हो
आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए
गाँव में भारी आक्रोश है और लोग निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।










