वर्ष 2025 से उम्मीदें -विजय गर्ग
इस समय अधिकांश लोग सोच रहे हैं कि आगामी वर्ष 2025 कैसा होगा ? ये अनुमान मिश्रित प्रकृति के हैं। प्रख्यात फ्रांसीसी संत और ज्योतिषी नास्टरडैमस ने 2025 में भारत और दुनिया के भविष्य के बारे में अनेक महत्वपूर्ण अनुमान लगाए थे। सोलहवीं शताब्दी के इस संत ने अनेक ऐसी घटनाओं का अनुमान लगाया था जिन्होंने दुनिया को स्वरूप दिया है। इनमें कोविड-19 वैश्विक महामारी से लेकर मनुष्य के चंद्रमा पर उतरने जैसी बातें शामिल हैं। इनसे नास्टरडैमस के अनुमानों पर आश्चर्य होता है। आज अनेक लोग सोलहवीं शताब्दी के इस संत की भविष्यवाणियों की व्याख्या कर रहे हैं और उनकी ऐतिहासिक सटीकता से प्रभावित हैं।
नास्टरडैमस ने अनुमान लगाया था कि रूस यूक्रेन युद्ध 2025 में समाप्त हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि दोनों देश जलवायु संकट और बाढ़ का सामना कर सकते हैं। ‘द न्यूयार्क पोस्ट’ अनुसार, तुर्किये और फ्रांस यूक्रेन और रूस के बीच शांति प्रक्रिया में काफी सहायता दे सकते हैं। नास्टरडैमस ने 2025 में इंग्लैंड में ‘प्राचीन प्लेग’ का पूर्वानुमान किया था जिससे एक ऐतिहासिक बीमारी के पुनः उभरने की आशंका पैदा होती है। इसके साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध में ब्राजील की संलिप्तता तथा अनेक प्राकृतिक विभीषिकाओं का भी पूर्वानुमान लगाया है। इनके साथ ही नास्टरडैमस ने अनुमान लगाया है कि धरती की एक छुद्र ग्रह या एस्टीरॉयड से टक्कर हो सकती है। उन्होंने कहा था, ‘ब्रह्मांड से आग का एक गोला उठेगा जो भविष्य बदलने वाला होगा।’ नास्टरडैमस की भविष्यवाणियां हमें संभावित भावी घटनाओं तथा उनके प्रभावों के बारे में सचेत करती हैं।
जहां तक भारत के भविष्य का सवाल है, वर्ष 2025 की शुरुआत गणतंत्र दिवस परेड से होगी। इस बार परेड की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विकसित भारत’ है, हालांकि अभी परेड में आमंत्रित मुख्य अतिथि के नाम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगला महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक होगा महाकुंभ के अवसर पर हर 12 साल के अंतराल पर अलग-अलग स्थानों पर यह महान आध्यात्मिक आयोजन होता है। इस अवसर पर लाखों-लाख तीर्थयात्री और श्रृद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती पवित्र संगम पर स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं। केन्द्र तथा राज्य सरकार महाकुंभ के इस आयोजन को असाधारण और अभूतपूर्व बनाने के सभी प्रयास कर रही हैं। अगले वर्ष 2025 में भारत में तेज आर्थिक प्रगति, सामाजिक परिवर्तन तथा नई नई तकनीकें देखने को मिल सकती हैं। सरकार तकनीकी शिक्षा तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से सुधार कर रही है।
इन प्रयासों से आर्थिक प्रगति तेज होने की आशा है जो भारत में भावी समृद्धि के लिए शुभ संकेत है। विश्व स्तर पर भारत का महत्व इस वर्ष और बढ़ने की आशा है जिससे वह अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार, रक्षा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अपने प्रयास तेज करेगा। इनसे भारत की दुनिया भर में बढ़ती राजनीतिक शक्ति का भी पता चलता है। देश के स्तर पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है और इसकी एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं। इस विपक्षी गठबंधन के भीतर पहले ही काफी तनाव पैदा हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस-टीएमसी तथा आम आदमी पार्टी आप ने गठबंधन से दूरी बना ली है। ‘आप’ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने का मन बना लिया है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में हालिया हरियाणा, महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा चुनावों के समय दरारें दिखने लगी थीं। जहां कांग्रेस ने हरियाणा और महाराष्ट्र में खराब प्रदर्शन किया, वहीं झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा- जेएमएम के साथ उसके गठबंधन ने चुनाव में विजय प्राप्त की। ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन से दुःखी हैं। उनकी नजर अब इस बात पर लगी है कि 2025 में होने वाले दिल्ली व बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहता है। आगामी विधानसभा चुनावों से भावी राजनीतिक पुनः ध्रुवीकरण के भी संकेत मिलेंगे दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी में होंगे जहां भाजपा आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को सत्ता से हटाने के लिए कमर कस रही है। ‘आप’ ने निकट अतीत में अनेक चुनौतियों का सामना किया है जिसमें उसके अनेक नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप शामिल हैं। एक रणनीति के रूप में ‘आप’ ने आतिशी को चुनावों तक दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया है। हालांकि, आप और कांग्रेस ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव एकसाथ लड़ा था। इसमें आप का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर था, पर कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। अगले वर्ष बिहार विधानसभा के चुनाव भी होंगे। यह राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण राज्य है। यहां सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन- राजग का नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं, पर उनको ‘महागठबंधन’ से कठोर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल राजद नेता तेजस्वी यादव कर रहे हैं। भाजपा और जनता दल युनाईटेड – जदयू राज्य में पुनः अपनी सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हैं। वर्ष 2025 में दो महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस अपनी शताब्दी मनाएंगे। आरएसएस अपनी स्थापना के 100 वर्ष सितंबर में पूरे करेगा, जबकि सीपीआई इस वर्ष दिसंबर में अपने शताब्दी समारोहों की शुरुआत करेगी। अनेक उतार-चढ़ावों के बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने भारतीय राजनीति और समाज को गहराई तक प्रभावित किया है। ऐसे में किसी सरकार के लिए अब भविष्य में उसे कमजोर करना बहुत कठिन हो गया है। इसके साथ ही दक्षिणपंथी दलों के ज्यादा लोकप्रिय होने के कारण कम्युनिस्ट पार्टियों का प्रभाव कम हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर गौर करें तो भारत 2025 में क्वाड सम्मेलन आयोजित करेगा। मूलतः इसका आयोजन इस सितंबर में नई दिल्ली में होना था, पर इसमें भाग लेने वाले नेताओं के अन्य कार्यक्रमों के कारण इसका आयोजन न्यूयार्क में हुआ अब भारत 2025 में क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली आने की आशा है। जिससे अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। अगले वर्ष के प्रारंभ में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की भारत यात्रा प्रस्तावित है जो एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। क्रेमलिन ने अगले वर्ष के प्रारंभ में इसकी तारीख तय करने की पुष्टि की है। यह यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन की पहली यात्रा होगी। कुल मिला कर वर्ष 2025 भारत के लिए उम्मीदों से भरा है।
अर्थव्यवस्था की अच्छी प्रगति हो रही है तथा विदेशी संबंध स्थिर हैं, हालांकि अभी राजनीतिक स्थिति अस्पष्ट है। अगले वर्ष देखना होगा कि कांग्रेस की स्थिति में कुछ सुधार होता है अथवा भाजपा व अन्य क्षेत्रीय पार्टियां मतदाताओं पर अपनी पकड़ और मजबूत करने में सफल होती हैं।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब
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