BRAJESH CHATURVEDI (BNE)
कन्नौज। जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में पेशकारों के साथ आर०सी०सी०एम०एस० पोर्टल और राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली आदि के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि 01 वर्ष से 03 वर्ष तक अवधि के 1439 और 03 वर्ष से 05 वर्ष तक अवधि के 626 एवं 05 वर्ष से अधिक 928 मुकदमो का प्राथमिकता में लेकर शीध्रातिशीघ्र गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाये। न्यायालयवाइज पुराने मुकदमों के निस्तारण की दिनांक वाइज सूची तैयार की जाये। तहसील स्तर पर प्रत्येक शनिवार कानूनगो, लेखपाल व नजारतवालो के साथ बैठक कर आईजीआरएस और न्यायालय संबंधित प्रकरणो का निदान किया जाये। सभी न्यायालयों में कम्प्यूटर और नेटवर्क की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिये। अच्छे विहैवियर के साथ कार्य करें, उत्कोच जैसी शिकायत नही मिलनी चाहिये। उन्होने निर्देश दिये कि 05 वर्ष व 10 वर्ष से अधिक पुराने समस्त वादों की दैनिक रुप से सुनवाई करायी जाये और प्रत्येक वाद पत्रावली आर०सी०सी०एम०एस० पोर्टल पर अपलोड की जाये।
श्री शुक्ल ने निर्देश दिये कि आर०सी०सी०एम०एस० पोर्टल पर प्रतिदिन आर्डर शीट भरी जाये। आर०सी०सी०एम०एस० पोर्टल पर आदेश की प्रति पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर सहित सम्पूर्ण आदेश अपलोड किया जाये। समस्त पेशकार अपनी डी०एस०सी० (डिजिटर सिग्नेचर) तत्काल बनवाना सुनिश्चित करें, जिससे ई-गवर्नेस के उद्देश्य को पूरा किया जा सके। पाॅसवर्ड की पाॅलिसी को अपनाकर सुरक्षित पासवर्ड बनायें। उन्होने निर्देश दिये कि प्रत्येक माह निस्तारित वाद पत्रावलियों को अभिलेखागार में समय से दाखिल कराया जाये। रेस्टोरेशन की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाये। कोई भी वाद अदम पैरवी में खारिज न किया जाये। सभी वाद गुणदोष के आधार पर लिखित व मौखिक बहस का समय प्रदान करते हुए ही निस्तारित किये जाये। उन्होने निर्देश दिये कि केश की डिटेल आने पर वादी व प्रतिवादी के फोन नम्बर में अपडेट किया जाये, जिससे उन्हे केश की डेट की जानकारी समय से मिल सके। उन्होने कहा कि विभिन्न वादों की पत्रावलियों के ऊपर राजस्व संहिता की धारा यथा धारा-34, धारा-80, धारा-67, धारा 24 एवं धारा-116 में वाद के निस्तारण की निर्धारित समयसीमा का उल्लेख बड़े-बड़े अक्षरों में किया जाये। दाखिल-खारिज वादों का निस्तारण निर्धारित समयसीमा 45 दिन के अन्दर प्रत्येक दशा में किया जाये। उन्होने निर्देश दिये कि न्यायालयों में बाहरी व्यक्तियों (प्राइवेट व्यक्तियों) से कार्य न लिया जाये। न्यायालय के जो कार्य हैं गुणवत्तापूर्ण किये जायें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) आशीष कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक देवेन्द्र सिंह, प्रशिक्षु आई0ए0एस0 सुश्री स्मृति मिश्रा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।