
मुरादाबाद से सौरिख तक बनेगा 270 किमी लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे कॉरिडोर
गंगा एक्सप्रेसवे व आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से होगी कनेक्टिविटी, छिबरामऊ में बनेगा मेगा जंक्शन
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। प्रदेश सरकार उत्तर से दक्षिण दिशा में जाने वाला पहला राष्ट्रीय राजमार्ग बनाएगी, जिसे ग्रीनफील्ड हाईवे कॉरिडोर का नाम दिया जाएगा। सरकार ने पिछले साल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें मुरादाबाद से सौरिख तक 270 किलोमीटर लंबा हाईवे कॉरिडोर भी था।
यह गंगा एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को भी आपस में जोड़ेगा। इसके लिए छिबरामऊ और फर्रुखाबाद में मेगा जंक्शन भी बनाए जाएंगे। सरकार ने प्रदेश को नेपाल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमागों पर काम शुरू कर दिया है। इसमें दस कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास भेजे गए थे। इसमें मुरादाबाद सौरिख राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सहयोग से प्रदेश का पहला हाईवे कॉरिडोर बनेगा, जो मुरादाबाद से शुरू होकर चंदौसी, बदायूं, फर्रुखाबाद और कन्नौज के सौरिख कस्बे तक फोरलेन होगा।
इसके लिए सर्वे का काम भी शुरू होने वाला है। एनएचएआई के अधिकारी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय के पास भेजेंगे, इसके बाद बजट जारी किया जाएगा। इस हाईवे के बनने से फर्रुखाबाद, बदायूं व मुरादाबाद जाने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी तो उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश जाने वाले यात्रियों को आसानी होगी।
इन शहरों और कस्बों का होगा विकास
एनएचएआई बरेली के प्रोजेक्ट इंजीनियर आकाश विक्रम सिंह का कहना है कि इटावा-बरेली हाईवे और मुरादाबाद-सौरिख हाईवे के
लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही कार्यदायी संस्था को नामित किया जाएगा। प्रोजेक्ट मंत्रालय से पास होते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
मुरादाबाद से सौरिख तक ग्रीनफील्ड हाईवे कॉरिडोर के विकसित होने से कई छोटे-छोटे कस्बों का विकास होगा जिनको अभी तक पहचान नहीं मिल सकी है। इनमें फर्रुखाबाद जिले के जहानगंज व कंपिल प्रमुख है। कंपिल ऐतिहासिक व पौराणिक नगर है जो महाभारत काल में कांपिल्य नाम से विख्यात है और द्रोपदी यहीं अग्निकुंड से प्रकट हुई थीं। इसके अलावा बदायूं जिले में ओरछी, फैजगंज बेहटा, बिसौली, वजीरगंज को नई पहचान मिलेगी।
सौ ऋषियों की तपोभूमि है सौरिख
कन्नौज जिले में सौरिख भी एक प्राचीन नगर है। यह त्रेतायुगीन नगर है, जहां सौ ऋषि तपस्या करते थे। लंका के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी भी यहीं आश्रम में रही थी। सौ ऋषि से कालांतर में अपभ्रंश होकर सौरिख के नाम से विख्यात हो गया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बनने से इसके विकास की उम्मीद जगी है। यहां पांच किलोमीटर दूर खड़िनी भी महाभारत काल में खांडवप्रस्थ नाम से नगर था, जिसे युधिष्ठिर ने बसाया था।
छिबरामऊ में अलीगढ़ बनेगा जंक्शन
मुरादाबाद-सौरिख राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से छिबरामऊ का भी विकास होगा। यहां पूर्वी बाईपास पर अलीगढ़-कानपुर हाईवे (एनएच-34) पर मेगा जंक्शन बनाया जाएगा, जिसके लिए एनएचएआई ने भूमि अधिग्रहीत कर ली है।
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