



ईद पर भी गाजा में तबाही! इजरायल के हमले में 15 फलस्तीनी डॉक्टरों की मौत
संयुक्त राष्ट्र ने उठाए सवाल, रेड क्रिसेंट कर्मियों की ‘बेरहमी से हत्या’ का आरोप
गाजा में इजरायल के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ईद के दिन भी इजरायली सेना ने गाजा पर बम बरसाए, जिसमें 15 फलस्तीनी डॉक्टरों और आपातकालीन कर्मियों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख टॉम फ्लेचर ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ये सभी जिंदगी बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इजरायली बलों ने इन्हें बेरहमी से मार डाला।
रेड क्रिसेंट और UNRWA कर्मियों पर हमला
गाजा में रेड क्रिसेंट और नागरिक सुरक्षा टीम के ये सदस्य राहत और बचाव कार्य में जुटे थे। रेड क्रिसेंट का दावा है कि उनके वाहनों और कर्मियों पर स्पष्ट रूप से चिकित्सा और मानवीय सहायता का चिह्न था, फिर भी इजरायली सेना ने उन्हें निशाना बनाया।
- मृतकों में रेड क्रिसेंट के 8 कर्मचारी शामिल थे।
- गाजा की नागरिक सुरक्षा आपातकालीन इकाई के 6 सदस्य भी मारे गए।
- संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA के एक कर्मचारी की भी मौत हुई।
इजरायल की सफाई, लेकिन सवाल बरकरार
इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने उन वाहनों पर गोलियां चलाईं, जिन पर कोई पहचान चिह्न नहीं था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इसे संदेह की नजर से देख रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, पिछले 18 महीनों में गाजा में 100 से अधिक नागरिक सुरक्षा कर्मी और 1,000 से ज्यादा चिकित्साकर्मी मारे जा चुके हैं। UN ने इस मामले में न्याय और जवाबदेही की मांग की है।
गाजा में कब रुकेगा खून-खराबा?
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी फुटेज में बचावकर्मियों को मिट्टी में दबे शवों को निकालते हुए देखा गया। ये सभी शव तेल अल-सुल्तान के किनारे बंजर भूमि में दफन कर दिए गए थे। इस भयावह स्थिति ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या गाजा में इंसानियत खत्म हो रही है? और क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव से इजरायल अपनी नीतियों में बदलाव करेगा?