
परमाणु हथियार और खतरे के मुहाने- विजय गर्ग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेनाओं ने जिस शौर्य का प्रदर्शन किया है, उससे देश का माथा गर्व से ऊंचा है। अब पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार के औचित्य और जोखिम पर सवाल उठने लगे हैं। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित जिन आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं, उनसे साफ हो गया है कि वहां सेना आतंकवादियों को संरक्षण दे ही रही है। ये वहीं आतंकी हैं जो सेना के वेश में घुसपैठ करते हैं। ऐसे में यदि पाकिस्तान के परमाणु हथियार किसी दिन आतंकियों के हाथ आ गए, तो वे पूरी दुनिया उ मानवता को संकट में डाल सकते हैं? रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस परिप्रेक्ष्य में कहा है कि वैश्विक समुदाय को विचार करने की जरूरत है कि पाकिस्तान जैसे देश के पास क्या परमाणु हथियारों का होना उचित है? सिंह ने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अपनी निगरानी एवं नियंत्रण में ले। हालांकि भारत ने अब आतंकवाद के विरुद्ध नीति को नए सिरे से परिभाषित किया है। भारत की धरती पर होने वाले आतंकी हमलों को अब युद्ध माना जाएगा। यह भी चेतावनी दे दी गई है कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद जारी रखता है, तो तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कह सकते हैं कि पाक के पाक के परमाणु हथियारों को नष्ट किया जा सकता है।
भारत समेत कई कई बड़े देश उपग्रहों से परमाणु हथियारों पर गंभीर नजर रखते हैं। परमाणु शक्ति से कूटनीतिक और सैन्य दबाव भी बनाए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून परमाणु बम के उपयोग को मानवता के विरुद्ध अमानुषिक कृत्य मानता है। इनके उपयोग के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के कठोर प्रतिबंधों का सामना भी करना करना पड़ता है। । इसीलिए भारत पहलगाम घटना के बाद पाकिस्तान के हवाईअड्डों, सैन्य ठिकानों और अन्य रक्षा केंद्रों पर सावधानी बरतते हुए हमले किए। वरना भारतीय वायुसेना ने उसके परमाणु [ठिकानों के इर्द-गिर्द सटीक हमले कर ही दिए थे। इसी से घबरा कर पाकिस्तान, अमेरिका और चीन के आगे गिड़गिड़ाया और संघर्ष विराम कराने में सफल हो गया।
पाक के पंजाब स्थित सरगोधा जिले में किराना हिल्स नाम से अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थल है। यह मुसफ वायुसेना अड्डा का हिस्सा है। सैन्य गतिविधियों अहम भूमिका के चलते यह रणनीतिक एवं सामरिक महत्त्व का स्थल है। यहां 260 वर्ग परमाणु 1 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में पहाड़ियां फैली हुई हैं। इसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। यहीं पाकिस्तान का भूमिगत परमाणु ढांचा हथियार रखने के लिए यहां दस सुरंगें बनाई गई हैं। ये सुरंगें बहुस्तरीय रक्षाप्रणाली से ढकी हुई हैं। यहां जबरदस्त किलेबंदी है। सत्तर के दशक में जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए है पाकिस्तानी लिए यहां काम सेना ने सैन्य और परमाणु अनुसंधान संबंधी लक्ष्य शुरू किया। यहीं पाक वायुसेना राडार स्टेशन है। भारतीय वायुसेना ने किराना हिल्स से 2 किलोमीटर दूर सरगोधा वायुसेना अड्डे पर सटीक हमले किए। पाकिस्तान के सुरक्षा उपकरण इन हमलों से वायुसेना अड्डे की रक्षा करने में असफल रहे। इन हमलों के बाद ही पाकिस्तान संघर्ष विराम के लिए झुक गया।
अमेरिकी गुप्तचर संस्था सीआइए के पूर्व वरिष्ठ खुफिया अधिकारी केविन हलबर्ट की मानें, तो पाकिस्तान दुनिया के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक देशों में से एक है। पाकिस्तान की यह डरावनी सूरत इसलिए बन गई है, क्योंकि तीन तरह के जोखिम इस खतरनाक ढंग से बढ़ रहे हैं। एक आतंकवाद, दूसरे ढहती अर्थव्यवस्था और तीसरे परमाणु हथियारों का जरूरत से ज्यादा भंडारण दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सक्रिय संस्था ‘स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान की जनवरी 2024 में जारी रपट के अनुसार पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। इसीलिए पाकिस्तान भारत को परमाणु हमले की धमकी देता रहा है। मानव स्वभाव में प्रतिशोध और ईर्ष्या दो ऐसे तत्त्व हैं, जो व्यक्ति को विवेक और संयम का साथ छोड़ देने को मजबूर कर देते हैं। इस स्वभाव को क्रूरतम परिणति में बदलते हुए हम अमेरिका को देख चुके हैं। उसने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले किए थे। अमेरिका ने हमला उस नाजुक परिस्थिति में किया था. जब जापान पहले ही लगभग पराजय स्वीकार कर चुका था। इस दृष्टि से पाकिस्तान और उसके सरपरस्त आतंकवादियों पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है। हालांकि अब भारत ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है।
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने हिरोशिमा पर छह अगस्त और नागासाकी पर नौ अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराए थे। इन बमों से हुए विस्फोट और उससे निकली रेडियोधर्मी विकिरण के कारण लाखों लोग तो मरे ही हजारों लोग अनेक वर्षों तक लाइलाज बीमारियों की गिरफ्त में रहे। विकिरण प्रभावित क्षेत्र में दशकों तक अपंग बच्चों पैदा होने सिलसिला जारी रहा अपवाद स्वरूप आज भी इस इलाके में अपंग बच्चे पैदा होते हैं। अमेरिका ने पहला परमाणु परीक्षण 1945 में किया था। तब आणविक हथियार निर्माण पहली अवस्था में थे, किंतु तब से लेकर अब तक घातक से घातक परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बहुत प्रगति हो चुकी है। लिहाजा अब इन हथियारों इस्तेमाल होता है, बर्बादी की विभीषिका हिरोशिमा और नागासाकी से कहीं ज्यादा भयावह होगी। इसलिए कहा जा रहा है कि आज दुनिया के पास इतनी बड़ी संख्या में परमाणु हथियार हैं कि समूची धरती को एक बार नहीं, अनेक बार नष्ट किया जा सकता है। गौरतलब है कि दुनिया के पास इस समय लगभग 12, 119 परमाणु हथियार हैं।
जापान में आणविक विध्वंस से विचलित होकर ही वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और प्रसिद्ध ब्रिटिश दार्शनिक बट्रेड रसल ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर शांति के उपाय अपनाने का संदेश देते हुए कहा था, ‘यह तय है कि तीसरे विश्व-युद्ध में परमाणु हथियारों का प्रयोग निश्चित किया जाएगा। इस कारण मनुष्य जाति के लिए अस्तित्व का संकट पैदा हो जाएगा। किंतु चौथा विश्वयुद्ध लाठी और पत्थरों से लड़ा जाएगा।’ यह भी आगाह किया था कि जनसंहार करने की आशंका वाले सभी हथियारों को नष्ट कर देना चाहिए। तय है, भविष्य में दो देशों के बीच हुए युद्ध की परिणति यदि विश्वयुद्ध में बदलती है और परमाणु हमले शुरू हो जाते हैं, तो हालात कल्पना से कहीं ज्यादा डरावने होंगे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस भयावहता को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र में आणविक अस्त्रों 1 समूल नाश का प्रस्ताव रखा था, लेकिन परमाणु महाशक्तियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि परमाणु प्रभुत्व में ही, उनकी वीटो शक्ति अंतर्निहित है। अब तो परमाणु संपन्न देश, असैन्य परमाणु समझौते कर यूरेनियम का व्यापार कर रहे हैं। परमाणु ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा की ओट में ही कई देश परमाणु संपन्न देश बने हैं और हथियारों का जखीरा इकट्ठा करते चले जा रहे हैं। पाकिस्तान ऐसा ही देश है।
फिलहाल नौ परमाणु संपन्न देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन के पास परमाणु बमों का इतना बड़ा भंडार है कि वे दुनिया को कई बार तबाह कर सकते हैं। हालांकि ये पांचों देश परमाणु अप्रसार संधि में शामिल हैं। इस संधि का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियार और इसके निर्माण की तकनीक को प्रतिबंधित बनाए रखना है। हालांकि ये देश इस उद्देश्य की पूर्ति में सफल नहीं रहे। पाकिस्तान ने ही तस्करी के जरिए उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार निर्माण की तकनीक हस्तांतरित की और आज वह परमाणु शक्ति संपन्न नया देश बन गया है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब
Post Views: 39