



नई दिल्ली (BNE ) महाकुम्भ 2025 कई मायनो में अलग पहचान बना रहा है।देश विदेश से लोग कुम्भ में स्नान करने आ रहे है। वहीँ दूसरी ओर जब ये खबर वायरल हुई कि फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री MAMTA KULKARNI किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गयी तो सभी की आंखें फटी रह गयी की आखिर ऐसा कैसे और क्यों हो सकता है। साधु-संतों के लिए यह अहम सवाल है। ममता के महामंडलेश्वर बनने पर तमाम संत लगातार आपत्ति जता रहे हैं। इसी क्रम में बागेश्वर बाबा यानी धीरेंद्र शास्त्री का बयान भी आया है। उन्होंने भी इस पर नाराजगी जताई है। धीरेंद्र शास्त्री रविवार को महाकुंभ पहुंचे। यहां उन्होंने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह की उपाधि सच्चे मन वाले संत को ही दी जानी चाहिए।
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क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री ने?
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “किसी बाहरी प्रभाव में आकर कोई कैसे संत या महामंडलेश्वर बन सकता है? हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बने हैं।” इससे पहले ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी ने भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। बयान में उन्होंने कहा, “किन्नर अखाड़े ने सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ऐसा किया है। समाज उनके अतीत को अच्छी तरह जानता है। अचानक वह भारत आती हैं और महाकुंभ में जाती हैं और उन्हें महामंडलेश्वर का पद दे दिया जाता है। इसकी जांच होनी चाहिए।”
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बाबा रामदेव ने भी जताई आपत्ति
वहीं, योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका भी कहना है कि किसी को भी उठाकर महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा है। बाबा रामदेव ने कहा, “कोई एक दिन में संत नहीं बन जाता, इसके लिए कई सालों की साधना लगती है। हमने 50-50 साल तपस्या करके संतत्व प्राप्त किया है, इसे संतत्व कहते हैं। संत होना बहुत बड़ी बात है। महामंडलेश्वर बहुत बड़ी चीज है। आजकल मैं देख रहा हूं कि सिर पकड़कर किसी को भी महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा है, ऐसा नहीं होना चाहिए।”