NEW DELHI-SIR मामले में अमित शाह और नेता विपक्ष राहुल गांधी के बीच हुई तीखी तकरार
अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिए तय नहीं कर सकते CM-PM कौन होगा?
मैं इस सदन के माध्यम से कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ का जवाब देना चाहता हूं।
नई दिल्ली(BNE )- संसद में बुधवार को SIR मामले में छिड़ी बहस में गृहमंत्री अमित शाह और नेता विपक्ष राहुल गाँधी के बीच खूब तकरार हुई। बहस के दौरान अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिए तय नहीं कर सकते CM-PM कौन होगा? चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान अमित शाह और राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हो गई।
अमित शाह ने राहुल गांधी के प्रेस कॉफ्रेंस पर जवाब देना शुरू किया तो इस बीच राहुल ने कुछ सवाल उठाए। फिर अमित शाह ने कहा कि मेरे बोलने का क्रम मैं तय करूंगा आप नहीं तय करेंगे। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि ये डरा और घबराया हुआ रेस्पॉन्स है, ये सही रेस्पॉन्स नहीं है। इस पर शाह ने कहा कि मैं उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ देख रहा हूं कि क्या बोलूंगा। उनके उकसावे में नहीं आऊंगा, अपने क्रम से ही बोलूंगा।
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा के लिए अड़ा है, जबकि इस सदन में एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि यह प्रक्रिया चुनाव आयोग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और चुनाव आयुक्त सरकार के तहत काम नहीं करते हैं, इसलिए अगर सदन में एसआईआर पर जब चर्चा होगी तो उससे जुड़े सवालों का जवाब कौन देगा?
उन्होंने कहा कि चर्चा चुनाव सुधारों के लिए तय हुई थी, लेकिन विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने एसआईआर पर ही चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस एसआईआर पर एकतरफा चार महीने से झूठ फैलाया गया और देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया।,अमित शाह ने कहा कि मैंने एसआईआर की प्रक्रिया का, इससे जुड़े हुए संवैधानिक अनुबंधों का और भूतकाल में हुए एसआईआर का गहन अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ का जवाब देना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि इस देश के संविधान से, संविधान के अनुच्छेदों से चुनाव आयोग की रचना हुई है। एक प्रकार से चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। संविधान के अंदर चुनाव आयोग का गठन, उसकी शक्तियां, चुनावी प्रक्रिया, मतदाता की परिभाषा और मतदाता की सूची को तैयार करने और उसको सुधार करने की शक्तियों के बारे में स्पष्ट प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि जब ये प्रावधान किए गए, तब हमारी पार्टी बनी भी नहीं थी। हमारी पार्टी के अलावा जो लोग हैं, उन्होंने संविधान सभा में चर्चा के बाद इस संविधान को बनाया था।
अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान ने फ्री एंड फेयर चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी। मतदाता सूची बनाने और मतदाता सूची में सुधार करने की जिम्मेदारी भी चुनाव आयोग की तय की है। संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग का गठन, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के चुनाव का संपूर्ण नियंत्रण संविधान ने चुनाव आयोग को दिया है।










