



राज्यपाल ने 56वीं प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2025 का किया उद्घाटन
यह प्रदर्शनी सिर्फ फूलों की नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना का भी दर्शन करा रही है
पुष्प प्रदर्शनी अब एक समग्र कृषि एवं औद्यानिकी महोत्सव का रूप ले चुकी है
राज्यपाल जी ने प्रदर्शनी में प्रमुख आकर्षण के रूप में अप्रयुक्त सामग्रियों से निर्मित एवं फूलों से सुसज्जित विशालकाय गणपति की प्रतिमा, विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक फूलों से बनाई गई ग्रह मण्डल, श्री राम जन्मभूमि मन्दिर व विभिन्न आकृतियों की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल फूलों की प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यहां आध्यात्मिक चेतना का भी दर्शन हो रहा है।


इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में सशक्त एवं स्वस्थ भारत के निर्माण हेतु संतुलित एवं पौष्टिक आहार के प्रति जागरूकता बढ़ाये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषकों को कृषि उत्पादों के पोषक तत्वों एवं पोषक मूल्यों की जानकारी होनी चाहिए। कृषक मूल्य संवर्द्धित कृषि को अपनाएं एवं अपने आय सृजन में वृद्धि करें। जब तक कृषि में मूल्य संवर्द्धन नहीं होगा तब तक किसान समृद्ध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि देश में पानी की समस्या है। अतः यहां की फसलों को ड्रिप इरीगेशन तकनीक की आवश्यकता है। उन्होंने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि प्रतिवर्ष ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से सिंचित फसलों के क्षेत्र में वृद्धि हो। उन्होंने देशी एवं ऑर्गेनिक खेती को अपनाए जाने पर भी बल देते हुए कहा कि इन उत्पादों की बिक्री के लिए प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने सभी विभागों को परस्पर समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि किसान और विभाग जब एक साथ मिलकर काम करेंगे तभी लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकेगा। महिला किसानों की भूमिका की सराहना करते हुए राज्यपाल जी ने उनके लिए सम्मेलन आयोजित करने की आवश्यकता जताई, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई ड्रोन दीदी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब प्रशिक्षित महिलाएं किसानों को सहयोग प्रदान कर रही हैं, जिससे किसानों के समय और धन की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को कम लागत में अधिक लाभ दिलाने के लिए नवाचार और आधुनिक तकनीकों को अपनाना आवश्यक है। साथ ही, सभी को अपनी जिम्मेदारियों का समय पर निर्वहन करने की सीख देते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को निर्धारित कर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना चाहिए।
राज्यपाल ने सभी किसानों से प्रदर्शनी में लगाये गये स्वास्थ्य शिविर में अपनी जांच कराने व निःशुल्क उपचार कराये जाने हेतु कहा। उन्होंने कहा कि स्वस्थ किसान ही उन्नत खेती कर सकते हैं, इसलिए सभी को संतुलित और पोषणयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे पोषक आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और अपने परिवार की सेहत का विशेष ध्यान रखें।
इसके अलावा, प्रदर्शनी में विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत कलात्मक रचनाओं की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों ने कठिन परिश्रम कर अत्यंत सुंदर एवं उत्कृष्ट कृतियाँ बनाई हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे नवाचार विद्यार्थियों की रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं और उनके संपूर्ण विकास में सहायक होते हैं।
इसी क्रम में राज्यपाल ने पोटेटो एग्जीबिशन एंड फूड एक्सपो का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आलू उत्पादकों और व्यापारियों के विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन कर उनका उत्साहवर्द्धन किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में आलू उत्पादन का प्रमुख केंद्र है और ऐसे आयोजनों से किसानों को नवीनतम शोध, तकनीक और विपणन के अवसरों की जानकारी मिलती है, जिससे वे अपनी उपज का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
राज्यपाल जी ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रशंसा की तथा उन्हें शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्यों के लिए 12 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया तथा स्मारिका ‘‘प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2025’’ का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में उद्यान कृषि विपणन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के प्रयासों से यह प्रदर्शनी केवल पुष्पों तक सीमित न रहकर एक व्यापक कृषि एवं उद्यानिकी उत्सव के रूप में विकसित हुई है, जिसमें किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं को समाहित किया गया है। उन्होंने इसके लिए राज्यपाल जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा निर्धारित किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साकार करने हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए राज्यपाल जी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी किसानों को नवीनतम तकनीक, बाज़ार और पोषण से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि पुष्प प्रदर्शनी का यह बदला हुआ स्वरूप भारतीय संस्कार एवं संस्कृति को प्रतिबिंबित कर रहा है, जो अद्भुत है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी0एल0 मीणा, मण्डलायुक्त लखनऊ डॉ0 रोशन जैकब, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ0 वी0बी0 द्विवेदी सहित अन्य अधिकारीगण, प्रतिभागी विश्वविद्यालयों के कुलपति व विद्यार्थी, कृषकगण, सरकारी एवं गैर सरकारी उद्यानों के प्रतिभागीगण उपस्थित थे।