कन्नौज: किशोरी की मौत का मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुचा, दो पुलिस अफसरो को मिला इनाम
सीओ सदर कमलेश कुमार अलीगढ़ तो सीओ छिबरामऊ को सम्भल भेजा गया
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज(BNE) छिबरामऊ कस्बे में 15 वर्षीय छात्रा लाडो की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है।बुखार से पीड़ित लाडो को कथित तौर पर गलत इंजेक्शन देने से 18 मई को मौत हो गई। परिजनों ने जब डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की, तो पुलिस ने भीड़ पर लाठियां बरसाईं। मामला तूल पकड़ते हुए सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच गया। प्रदेश सरकार ने व्यापारियों की भारी नाराज़गी और अपने वोट बैंक की दरकन महसूस करते हुए घटना के तीसरे दिन कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नन्दी को छिबरामऊ भेजा। मंत्री ने वादा किया कि सही सही न्याय होगा और वे बिटिया के परिजनों को मुख्यमंत्री से मिलवाएंगे।
कल का पूरा दिन छिबरामऊ के लोगो का एक प्रतिनिधि मंडल स्थानीय विधायक अर्चना पांडेय के नेतृत्व में लखनऊ डटा रहा और देर रात लौटे इस जमघट को स्पष्ट सन्देश था कि सीओ साहब जल्द ही हटा दिए जाएंगे। एक शासनादेश के हवाले से पहले से ही हाथरस के आसपास जाने की कोशिश कर रहे डिप्टी एसपी कमलेश कुमार को तो इस घटना ने मानो वरदान ही दे दिया। आज जारी स्थानांतरण सूची में कमलेश का तबादला अलीगढ़ किया गया है। नव प्रोन्नत छिबरामऊ के सीओ साहब मनोज कुमार सिंह की भी प्रोन्नति के बाद तैनाती होनी ही थी उन्हें सम्भल भेजा गया है।
सीओ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करने वाले सर्व समाज के नेता भले ही इसे अपनी जीत माने लेकिन सच ये है कि यह सरकार का उनके मुंह पर बड़ा तमाचा है। अलीगढ़ और सम्भल की तैनाती को किसी भी दशा में दंड नही कहा जा सकता खासतौर से तब जब दोनों पुलिस अधिकारी पहले से ही पश्चिम के जिलों में जाने की पैरवी करा रहे थे।
डॉक्टर और कंपाउंडर गिरफ्तार, कोतवाल का तबादला
शासन के संज्ञान में आते ही कार्रवाई तेज हुई। आरोपी डॉक्टर वैभव दुबे और कंपाउंडर उत्कर्ष राठौर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वहीं, कोतवाल अजय अवस्थी को हटाकर क्राइम ब्रांच भेज दिया गया। पुलिस की छवि पर उठे सवालों के बाद यह कदम उठाया गया।
परिजन बोले- कार्रवाई अधूरी, कोतवाल और सीओ सिटी के निलंबन की मांग
लाडो के परिजनों और उनके समर्थकों ने की गई कार्रवाई को अधूरी बताया। उनका कहना है कि कोतवाल अजय अवस्थी और सीओ सिटी कमलेश कुमार को भी निलंबित किया जाए। लोगों ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था हॉस्पिटल, अब सीएमओ पर उठी उंगली
छात्रा की मौत के बाद खुलासा हुआ कि श्री कृष्णा हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था। आरोप है कि जिले में दर्जनों ऐसे अस्पताल सीएमओ की शह पर चल रहे हैं। अब सीएमओ डॉ. स्वदेश गुप्ता को भी जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि जल्द ही कन्नौज को नया सीएमओ भी मिल सकता है। कुछ नाम भी सम्भावित के तौर पर आज लखनऊ से कन्नौज तक हवा में उछले इनमे से एक तो पहले भी कन्नौज में बेहद चर्चित अफसर के रूप में तैनात रह चुके हैं।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य और प्रशासनिक सिस्टम
यह घटना सिर्फ एक अस्पताल या डॉक्टर की लापरवाही का मामला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की गंभीर विफलता को उजागर करती है। अब देखना है कि शासन और प्रशासन स्तर पर और क्या कदम उठाए जाते हैं।
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