



दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल पद से हटाए गए, महाभियोग के बाद संवैधानिक न्यायालय का बड़ा फैसला
मार्शल लॉ लागू करने और संसद में सेना भेजने के फैसले पर गिरी गाज, दो माह में होंगे नए चुनाव, विपक्षी नेता ली जे-म्यांग की बढ़ी उम्मीदें
सियोल से एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में दक्षिण कोरिया के संवैधानिक न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रपति यून सुक येओल को उनके पद से हटा दिया। यह फैसला महाभियोग की प्रक्रिया के बाद सुनाया गया, जिसमें यून पर चार महीने पहले देश में ‘मार्शल लॉ’ लागू करने और संसद में सेना भेजने जैसे गंभीर आरोप लगे थे।
यून सुक येओल के इस कदम ने देश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया था। लोगों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किए थे और देश के लोकतंत्र पर खतरे की बात कही थी। अब न्यायालय के इस फैसले ने उन प्रदर्शनकारियों को बड़ी राहत दी है। पुराने शाही महल के पास प्रदर्शन कर रहे लोग फैसले के बाद खुशी से झूम उठे।
संवैधानिक व्यवस्था के तहत अब दो माह के भीतर राष्ट्रपति पद के लिए नए चुनाव कराए जाएंगे। ताजा सर्वेक्षणों से संकेत मिल रहे हैं कि मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग राष्ट्रपति की दौड़ में सबसे आगे हैं।
यह फैसला दक्षिण कोरिया के लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक माना जा रहा है और इससे साफ संदेश गया है कि कोई भी नेता कानून से ऊपर नहीं।