



“छींक दो ज़रा ज़ोर से, और ट्रंप निकाल दें बाहर! अमेरिका में भारतीय छात्रों की बढ़ती मुश्किलें”
मामूली अपराधों पर भी भारतीय छात्रों का वीजा हो रहा रद्द, सोशल मीडिया पोस्ट तक बनी निर्वासन की वजह
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों पर अब तलवार लटक रही है। मामूली अपराध, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन या सोशल मीडिया पोस्ट – इन सबके आधार पर अब छात्रों को उनके नामित स्कूल अधिकारियों (DSO) से ईमेल मिल रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि उनका F-1 वीजा अब वैध नहीं है और उन्हें तुरंत देश छोड़ना होगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 30 मार्च को यह सामने आया कि सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को “स्व-निर्वासन” के निर्देश दिए जा रहे हैं। छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड को समाप्त कर दिया गया है और उनके I-20 फॉर्म और EAD (रोज़गार प्राधिकरण दस्तावेज़) भी रद्द कर दिए गए हैं।
मिसौरी, टेक्सास और नेब्रास्का जैसे राज्यों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को हाल ही में ऐसे ईमेल मिले हैं। इसमें स्पष्ट लिखा है कि अब उन्हें अमेरिका में रहने या काम करने की कोई वैध अनुमति नहीं है।
इन छात्रों पर जो आरोप लगे हैं, वे अक्सर इतने गंभीर नहीं होते कि वीजा रद्द हो, जैसे—लेन बदलने में चूक, हल्का नशा कर वाहन चलाना या स्टोर से मामूली चोरी।
इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि पहले ऐसी परिस्थितियों में निर्वासन नहीं होता था। मगर अब माहौल बदल चुका है।
भारत और अमेरिका की दोस्ती की दुहाई देने वाले अब चुप हैं, और छात्रों के सपनों पर जैसे बर्फ की चादर पड़ गई है।