



भारत-बांग्लादेश ट्रेड वॉर: आर्थिक जंग के बीच रूस ने भेजे 3 युद्धपोत, चिटगांव में बढ़ी हलचल
भारत की ट्रांसशिपमेंट सुविधा रद्द होने के बाद बांग्लादेश ने लगाए आयात बैन, रूस से गुप्त डीलिंग के संकेत; व्यापारियों पर टूटा महंगाई का कहर
भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में अचानक आई तल्खी अब एक बड़े ट्रेड वॉर में बदल चुकी है। भारत द्वारा बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधा रद्द किए जाने के बाद बांग्लादेश ने भी पलटवार किया, लेकिन उसका ये दांव खुद उसी पर भारी पड़ गया।
बांग्लादेश ने भारत से आने वाले कई उत्पादों पर बैन लगा दिया है। इन उत्पादों में धागा, दूध पाउडर, तंबाकू, अखबारी कागज और अन्य प्रकार के पेपरबोर्ड शामिल हैं। एनबीआर की सीमा शुल्क विंग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, नेपाल और भूटान से आयात को छोड़कर भारत से इन उत्पादों का आयात अब प्रतिबंधित रहेगा।
हालांकि भारत के कड़े कदम के चलते बांग्लादेश के व्यापारियों की हालत खराब होती जा रही है। ट्रांसशिपमेंट सुविधा बंद होने से सामान की कीमतें बढ़ गई हैं और अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने से स्थिति और भी बिगड़ गई है।
इस बीच रूस की अचानक एंट्री ने भू-राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। रूस के तीन सैन्य जहाज बांग्लादेश के चिटगांव बंदरगाह पर आकर खड़े हो गए हैं। खबर है कि बांग्लादेश के चीफ वकार उज जमान, भारत की तारीफ करने के कुछ दिन बाद, गुपचुप रूस पहुंचे और वहां सरकार व सेना से मुलाकात की। लौटते ही रूस के जहाजों का आगमन हुआ, जिससे इस पूरे घटनाक्रम पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्यों को लेकर मोहम्मद यूनुस के विवादित बयान ने आग में घी डालने का काम किया। अब देखना ये है कि यह ट्रेड वॉर सिर्फ आर्थिक मोर्चे तक सीमित रहेगा या कोई बड़ा भूचाल लाएगा।