यूपी में रेड अलर्ट घोषित, राम मंदिर से लेकर भारत-नेपाल सीमा तक बढ़ी चौकसी!
महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान और संस्थानों पर खुफिया पहरा!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में घुस कर पहलगाम आतंकी घटना का बदला लेने के लिए आतंकी ठिकानों पर किये गये “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया गया है।यूपी डीजीपी के एक्स पर जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।यूपी पुलिस की सभी फील्ड इकाइयों को रक्षा बलों से समन्वय स्थापित करने एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं।यूपी पुलिस सतर्क है, संसाधनों से लैस है और प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जय हिन्द !
एयर स्ट्राइक के बाद भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। नेपाल सीमा से सटे यूपी की सीमावर्ती जिलों लखीमपुर खीरी से लेकर महराजगंज तक एसएसबी व पुलिस टीमें संयुक्त पेट्रोलिंग कर रही हैं। जंगल के रास्तों पर भी पैनी निगाह रखी जा रही है। नोमैंस लैंड पर भी कोई नेपाल की ओर से प्रवेश न कर सके इसकी जानकारी कर निगरानी की जा रही है। एक सप्ताह से भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय क्षेत्र में बने कई अवैध मदरसों को जमींदोज कर दिया गया है। एसएसबी द्वारा बॉर्डर पर नेपाल आने जाने वालों की सघन चेकिंग की जा रही है। इसमें मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है।
लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज की लंबी सीमा पर युद्ध जैसी चौकसी अगले निर्देश तक जारी रहेगी।सीमावर्ती जिलों के कस्बों और गांवों में भी मार्च किया गया है। एसएसबी भी अलर्ट मोड पर है। बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान चलाया है।
पाकिस्तान की संसद में पीपीपी सांसद पलवशा मोहम्मद जई खान द्वारा अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद से राम मंदिर के रेड जोन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। पूरे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए प्रतिदिन मॉक ड्रिल किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कई राज्यों से बुधवार को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल करने को कहा गया है।
अतिसंवेदनशील रामजन्मभूमि परिसर( रेड जोन) की सुरक्षा व्यवस्था देश की सीमाओं सरीखी फुलप्रूफ है, राममंदिर बन जाने के बाद सुरक्षा को और अत्याधुनिक बना दिया गया है। आतंकियों की हिट लिस्ट में होने के कारण समय- समय अधिकारियों द्वारा सुरक्षा का परीक्षण होता रहा है लेकिन ऐसा पहली बार है कि लगातार कई दिनों से प्रतिदिन मॉक ड्रिल किया जा रहा है।बता दें कि अयोध्या को दहलाने की साज़िश 1999 से ही शुरू हो गई थी। सबसे पहले 28/ 5 /1999 को अयोध्या रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर झोले में बम रखा गया इसके एक महीने बाद ही यानी 13 तारीख को एक बार फिर हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर कुकर में बम प्लांट कर रखा गया हालांकि समय से जानकारी मिलने के बाद दो बमों को पुलिस ने डिफ्यूज कर दिए। पुलिस लाइन में डिफ्यूज करते समय एक बम ब्लास्ट भी कर गया था। इसके बाद वर्ष 5/ 7/ 2005 को आतंकियों ने रामजन्मभूमि पर हमला कर दिया जिसमें पांच फिदाइन मारे गए”