



MUMBAI -उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहते है राज ठाकरे ,एकजुट होने के दिए संकेत
महाराष्ट्र और मराठियों के अस्तित्व के आगे उद्धव और उनके झगड़े बहुत छोटे हैं
उद्धव ठाकरे भी भाई राज ठाकरे के प्रस्ताव से सहमत ,मिलकर काम करने के संकेत दिए
मुंबई(BNE )- महाराष्ट्र और मराठियों के हितो और उत्तम भविष्य के लिए राज ठाकरे अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मतभेदों को भूलकर एकजुट होना चाहते है। इस तरह की इच्छा को उन्होंने शनिवार को जाहिर किया। राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को साथ आने का प्रस्ताव दिया है।राज ठाकरे के इस तरह के प्रसतव को देखकर महाराष्ट्र की राजनीती में हलचल शुरू हो गयी है।
राज ठाकरे ने फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में ये विचार व्यक्त किये है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मराठियों के अस्तित्व के आगे उद्धव और उनके झगड़े बहुत छोटे हैं। महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। उनके लिए उद्धव के साथ आना और साथ में रहना कोई मुश्किल काम नहीं हैं। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को साथ आने का प्रस्ताव देते हुए अपनी तरफ से ये साफ कर दिया कि उद्धव के साथ आने में उनको कोई परेशानी नहीं है। महाराष्ट्र के लिए दोनों एक साथ आ सकते हैं।
राज ठाकरे के साथ आने के प्रस्ताव पर उद्धव ठाकरे का भी बयान सामने आया है। उद्धव का कहना है कि उनकी तरफ से कोई झगड़ा नहीं था। महाराष्ट्र के हित के लिए वे साथ आने को तैयार हैं। उद्धव ठाकरे भी भाई राज ठाकरे के प्रस्ताव से सहमत दिखाई दे हैं। उन्होंने मिलकर काम करने के संकेत दिए हैं। उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र की भलाई के लिए वह छोटे-मोटे झगड़ों को छोड़कर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमने सही फैसला लिया होता तो हम केंद्र और राज्य में सरकार बना सकते थे। पहले उनके साथ जाओ, फिर उनका विरोध करो, फिर एडजस्टमेंट करो, इससे काम नहीं चलेगा, सिर्फ महाराष्ट्र का भविष्य, फिर जो बीच में आएगा, उसका मैं स्वागत नहीं करूंगा। बता दें कि राज ने शिवसेना में उद्धव को उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद 27 नवंबर 2005 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अपनी पार्टी ‘महाराष्ट्र नव निर्माण सेना’ बनाई थी। तब दोनों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे।