



सत्ता पक्ष उन्हीं सावरकर को पूजता है जिन्होंने संविधान पर सवाल उठाए थे-राहुल गांधी
नयी दिल्ली, (BNE ) संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ( rahul gandhi speech)ने शनिवार को सत्ता पक्ष पर तीखा प्रहार कर कहा कि जिस तरह से एकलव्य का अंगूठा काटा गया ,ठीक उसी तरह से सरकार देश के युवाओं का अंगूठा काट रही है। आज भारत में एक वैचारिक लड़ाई चल रही है और विपक्ष की तरफ संविधान के विचारों के संरक्षक हैं।
देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। वह वह आशा भरी नजरों से सरकार की ओर देख रहे है। उन्होंने द्रोणाचर्य और एकलव्य की गाथा का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे एकलव्य का अंगूठा काटा गया, उसी तरह सरकार पूरे देश आप पूरे देश का युवाओं का अंगूठा काट रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप एक उद्योगपति को धारावी परियोजना देते हो, बंदरगाह और हवाईअड्डे को देते हैं तो आप हिंदुस्तान का अंगूठा काटते हैं।” राहुल गांधी ने दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर ने संविधान के बारे में कहा था कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। कांग्रेस नेता ने सत्तापक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जब आप संविधान की रक्षा की बात करते हैं तो आप सावरकर को कमतर और अपमानित करते हैं।”
राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष संविधान की रक्षा की बात करता है, जबकि सत्ता पक्ष उन्हीं सावरकर को पूजता है जिन्होंने संविधान के मूल सिद्धांतों पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने कहा, “सावरकर ने खुद अपनी लिखी पुस्तकों में कहा है कि संविधान में भारतीयता का कोई स्थान नहीं है। ऐसे में सत्ता पक्ष के नेता संविधान बचाने की बात करते हुए सावरकर का उपहास करते हैं।”
राहुल गांधी (rahul gandhi speech)ने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग को नजरअंदाज कर कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, “जब देश का किसान अपने हक के लिए लड़ रहा है, तो सरकार उनकी समस्याओं को हल करने की बजाय बड़ी कंपनियों और उद्योगपतियों के हित साधने में लगी है।”
संविधान और लोकतंत्र के संरक्षण का सवाल
राहुल गांधी( rahul gandhi speech)ने सत्ता पक्ष पर लोकतंत्र और संविधान के संरक्षण को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष संविधान की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहेगा, लेकिन सत्ता पक्ष की कार्यशैली संविधान की आत्मा के खिलाफ है।