![Voice Reader](https://breakingnewsexpress.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/play.png)
![Stop Voice Reader](https://breakingnewsexpress.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/stop.png)
![Pause](https://breakingnewsexpress.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/pause.png)
![Resume](https://breakingnewsexpress.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/play.png)
नई दिल्ली(BNE )- विधान सभा चुनाव में महाराष्ट्र में महायुति ने भारी बहुमत से वापसी की है, तो वहीँ दूसरी ओर झारखण्ड में सत्ता में एक बार फिर से इंडी गठबंधन की वापसी हो रही है। महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम देखकर राहुल गाँधी और उद्धव ठाकरे हैरान रह गए. दोनों ने नतीजों को अप्रत्याशित बताया है और कहा है कि विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
राहुल गाँधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर झारखण्ड की जनता को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कांग्रेस और झामुमो के सभी कार्यकर्ताओं को इस विजय के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। प्रदेश में गठबंधन की यह जीत संविधान के साथ जल-जंगल-ज़मीन की रक्षा की जीत है। महाराष्ट्र के नतीजे अप्रत्याशित हैं और इनका हम विस्तार से विश्लेषण करेंगे। प्रदेश के सभी मतदाता भाई-बहनों को उनके समर्थन और सभी कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत के लिए धन्यवाद।”
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को अप्रत्याशित करार देते हुए शनिवार को दावा किया कि विपक्ष को हराने के लिए षडयंत्र हुआ है और राज्य में (विपक्ष को) निशाना बनाकर समान अवसर की स्थिति को बिगाड़ा गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि झारखंड की जनता ने ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकराया है और देश के लिए सकारात्मक संदेश दिया है।
रमेश ने कहा, “आज का दिन कांग्रेस के लिए कहीं खुशी का कहीं ग़म का दिन है। झारखंड की जनता को बधाई देता हूं कि उन्होंने देश को रास्ता दिखाया है। ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकराया है। सारा चुनाव एक मुद्दे और एक शब्द ‘घुसपैठिए’ पर लड़ा गया, लेकिन जनता ने निर्णायक जवाब दिया।” उन्होंने कहा कि झारखंड से देश के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को हराया जा सकता है। रमेश ने आरोप लगाया कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि निशाना बनाकर समान अवसर की स्थिति को बिगाड़ा गया है। उन्होंने कहा, “हमें हराने के लिए कोई न कोई षडयंत्र हुआ।” उनके अनुसार, ये नतीजे अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक, अकथनीय है।” रमेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जो मुद्दे उठाए थे, वो आज भी महत्वपूर्ण हैं और आगे भी रहेंगे।
‘असली शिवसेना’ और ‘ असली NCP’ पर जनता की मुहर
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 21 जून 2022 को अपनी पार्टी के 40 विधायकों के साथ शिवसेना से बागवत की थी। फिर करीब एक साल बाद अजीत पवार ने भी इतने ही विधायकों के साथ राकांपा से बगावत कर दी थी। इन दोनों दलों के मुखिया की ओर से तब सर्वोच्च न्यायालय एवं केंद्रीय चुनाव आयोग में इस बगावत को चुनौती दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय में बागी विधायकों की सदस्यता रद करने के लिए, तो चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अधिकार के लिए याचिकाएं दायर की गई थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने तो अपने सामने आई याचिका पर सुनवाई का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया था।
शिंदे के उक्त आरोप
छह माह पहले हुए लोकसभा चुनाव एवं अब विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से उद्धव ठाकरे पर बालासाहेब ठाकरे के विचारों से अलग होने का आरोप लगाया जाता रहा है। मुस्लिम मतदाताओं से बढ़ी उद्धव ठाकरे की नजदीकी शिंदे के उक्त आरोपों पर मुहर लगाती रही।
पीछे हुए उद्धव ठाकरे
माना जा रहा है कि शिवसेना के मूल विचारों से कटना ही उद्धव ठाकरे को भारी पड़ा और अपने गढ़ मुंबई, ठाणे व कोंकण में भी वह एकनाथ शिंदे से बुरी तरह पिछड़ गए। दूसरी ओर शरद पवार की पार्टी के नेता भी अजीत पवार पर पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हथियाने का आरोप लगाते रहे। लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को इन आरोपों का फायदा भी मिला। लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्हें भी मुंह की खानी पड़ी है।