
pahalgam terrorist attack: पूरी दुनियाँ ने भारत के समर्थन में आतंकवाद के खिलाफ़ उठाई आवाज़
पहलगाम टूरिस्टों पर आतंकी हमला-27 मृत,अनेकों घायल- अमेरिका रूस सहित पूरा विश्व संकट की घड़ी में भारत के साथ खड़ा हुआ।
भारत में नक्सलवाद मावोवाद समाप्ति की डेड लाइन 31 मार्च 2026 की तरह, जम्मू कश्मीर में भी आतंकवाद समाप्ति की डेडलाइन पर सटीक निर्णय लेना समय की मांग-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर हर देश के लिए आतंकवाद एक नासूर बन गया है, जिसका दंश अनेक बार अनेकों देश झेल चुके हैं और झेल भी रहे हैं, जिसका अधिक भुक्तभोगी भारत भी रहा है। आज हम फिर आतंकवाद पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि दिनांक 22 अप्रैल 2024 को शाम अनंतनाग जिले के पहलगाम की घाटियों में, जहां एक घासभरा मैदान है, वहां कुछ दूर पैदल जाकर ही पहुंचा जा सकता है,जहां रेस्टोरेंट वगैरा भी है अचानक कुछ आतंकवादियों का एक गुट आया और टूरिस्ट से उनका नाम जाति पूछ पूछ कर अंधाधुंध गोलियां दागी जिसमें निर्दोष लोग करीब 27 से अधिक टूरिस्टों की मौत होने व अनेकों घायल होने की जानकारी 22 अप्रैल शाम से डिजिटल तथा इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर लगातार चल रही है जो 23 अप्रैल 2025 तक अर्ली मॉर्निंग तक मैं खुद करीब 18 घंटों तक इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल संसाधनों से जुड़ा रहा। सभी चैनलों पर डिबेट, एक्सपर्ट की राय, व एनालिसिस को सुनकर, मैंने उसका विश्लेषण कर यह आर्टिकल तैयार किया हूं। बता दें पूरे विश्व में इस घटना को सीरियस एंगल से लिया गया है तथा तीव्र निषेध किया हैँ।जहां एकओर हमारे गृहमंत्री तुरंत घटनास्थलपर रवाना होकर कश्मीर में एक हाई लेवल मीटिंग रात करीब 12-1 बजे तक लिए, जिसमें हमारे पीएम भी ऑनलाइन उपस्थित थे और फिर गृह मंत्री पहलगाम के लिए रवाना हुए, तो वही हमारे माननीय पीएम जो सऊदी अरब की यात्रा पर थे, यह घटना सुनकर आमंत्रित रात्रि भोज में भी ना जाकर, सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर व रात्रि कश्मीर में हुई,हाई प्रोफाइल मीटिंग में भी ऑनलाइन जुड़े रहे तथा अर्ली मॉर्निंग वापस आकर बुधवार दिनांक 23 अप्रैल 2025 को सुबह केबिनेट कमिटी ओंन सिक्योरिटी (सीसीएस) में भी मौजूद रहे व अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी वार्तालाप करने की जानकारी आई है। बता दें इस घटना की निंदा अमेरिका रूस इसराइल सऊदी अरब यूक्रेन ब्राज़ील सहित अनेक देशों ने ट्वीट करके की है, तथा मुश्किल की घड़ी में भारत के साथ होने की बात कही है।भारतीय पीएम दौरे पर सऊदी अरब हुए हैं। भारत में चार दिवसीय दौरे पर मौजूद अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने भी घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि नक्सलवाद मावोवाद को जिस तरह समाप्त करने की डेडलाइन 31 मार्च 2026 तक की गई है, अब इस तरह कश्मीर घाटी में आतंकवाद समाप्त करने की भी डेड लाइन घोषित करने की जरूरत है ताकि एक रणनीति के अनुसार आतंकवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना या फिर उन्हें कड़ी सजाका सामना करना पड़े।यानें आरोप लगने पर या पकड़े जाने पर उनकी सुनवाई, अन्य राज्यों में न्यायालयों मैं की जानी चाहिए तथा इसके पीछे स्लीपिंग आतंकी चेहरे या गुट उजगार करना आर्थिक, कमर तोड़ना,पोषण कराने वाले पड़ोसीमुल्क पर आर्थिक सामाजिक, नैतिक, अंतरराष्ट्रीय व जरूरत पड़ने पर हथियारों करना समय की मांग है, ताकि यह संदेश जाए कि अब भारत पहले वाली स्थिति में नहीं रहा, जब कि अब ईट का जवाब पत्थर से व तिल का जवाब पहाड़ से देने की स्थिति रखता है। कुल मिलाकर मुझे ऐसा महसूस होता है कि आतंकवाद की उल्टी गिनती शुरू होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि अब अति सख्त रणनीति बनाई जा सकती है। उधर आतंकवादी नरसंहार के विरोध में कश्मीर के बार काउंसिल, डोडा काउंसिल डोडा शिक्षा विभाग, अनेक लोकल संगठनों व संस्थाओं ने 23 अप्रैल 2025 को बंद का आह्वान किया है,क्योंकि नागरिक बहुत रोष में है, जहां जगह-जगह कैंडल मार्च में शांति मोर्चा निकाला जा रहा है, अभी अमरनाथ यात्रा जो कुछ दिनों में शुरू होने वाली है उसमें दहशत का माहौल बनाया जा रहा है, इसलिए अब इस घटना का जवाब देना जरूरी हो गया है।चूँकि पहलगाम टूरिस्टों पर आतंकी हमला, 27 से अधिक मृत,अनेकों घायल, अमेरिका रूस सहित पूरा विश्व संकट की घड़ी में, भारत के साथ खड़ा है पूरी दुनिया ने भारत के समर्थन में आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध
जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत में नक्सलवाद माओवाद समाप्ति की डेड लाइन 31 मार्च 2026 की तरह जम्मू कश्मीर में भी आतंकवाद समाप्त होने की डेडलाइन पर सटीक निर्णय लेना समय की गंभीर मांग है।
साथियों बात अगर हम जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को शाम टूरिस्टों पर अंधाधुंद गोली चलाकर आतंकवादी हमले की करें तो, कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे आतंकियों द्वारा की गई गोलीबारी में करीब 27 लोगों की मौत हो गयी। आतंकी हमले में मारे गये लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है। लोगों ने बताया कि आतंकी पुलिस की वर्दी में वहां पहुंचे थे। यह आतंकी हमला पहलगाम से करीब छह किलोमीटर दूर बैसरन में घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान में अंजाम दिया गया। यह मैदान पर्यटकों और ट्रेकर्स का पसंदीदा स्थान है। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि आतंकवादी जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचा हो। जहां आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की।इस घटना ने कश्मीर घाटी में पर्यटन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, खासकर तब जब अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है।कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान नागपुर का एक परिवार मौके पर मौजूद थागोलियों की आवाज सुनकर वे घबराकर पहाड़ से कूद गए, इस दौरान पैर फिसलने से सिमरन रुपचंदानी घायल हो गईं और उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया है। तिलक और गर्व रुपचंदानी भी उनके साथ थे। तीनों सुरक्षित हैं। उनसे संपर्क कर लिया गया है और उन्हें सभी जरूरी सहायता मुहैया कराई जा रही है।
साथियों बात अगर हम पीएम द्वारा अपना सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर अर्ली मॉर्निंग आने की करें तो, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्ट पर हुए आतंकी हमले में 27 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है।पीएम इतनी बड़ी घटना के बाद अपना सउदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर आधी रात को वापस भारत लौट आए हैं। कल सुबह वो कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे? उधर वित्त मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में घोषणा की कि केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री संयुक्त राज्य अमेरिका और पेरू की अपनी आधिकारिक यात्रा को कम कर रही हैं। वह इस मुश्किल और दुखद समय में अपने लोगों के साथ रहने के लिए भारत के लिए जल्द से जल्द उड़ान ले रही हैं। अबतक औपचारिक तौर पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से केवल 16 टूरिस्ट के मारे जाने की जानकारी दी गईहै10 घायलों की जानकारी भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से दी गई है।मरने वालों में नेपाल और यूएई के नागरिक भी शामिल हैं।मरने वालों में एक आईबी ऑफिसर और एक नेवी के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल हैं। गृहमंत्री श्रीनगर पहुंच चुके हैं,उन्होंने एलजी मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक की।बताया जा रहा है कि कुल चार आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया, जिसमें से तीन पाकिस्तानी और एक लोकल कश्मीरी है। कांग्रेस पार्टी ने सरकार से कहा कि वो उनके साथ हैं। आतंकियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।जब दोपहर को यह वारदात हुई तब सैलानी वहां घुड़सवारी कर रहे थे, तभी आतंकी वहां पहुंचे और उन्होंने पंजाबी में टूरिस्ट से उनका मजहब पूछा, पहचान स्थापित होने के बाद लोगों को मौत के घाट उतारा गया, इस दौरान करीब 50 राउड फायरिंग की गई। सूत्रों के मुताबिक मरने वालों में अधिकांश पुरुष हैं। खुफिया सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक आतंकी टूरिस्ट के बड़े ग्रुप को टारगेट करने की फिराक में थे, वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आतंकी फरार हो गए। सुनियोजित तरीके से टूरिस्ट को निशाना बनाया गया। गर्मियों के इस सीजन में घाटी में टूरिस्ट की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है. टूरिस्ट को निशाना बनाकर आतंकी जम्मू-कश्मीर में सैलानियों के प्रवेश को रोकना चाहते हैं। दरअसल जेडी वेंस ने पीएम के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए बयान दिया है। इस हमले के बाद पीएम ने सोशल मीडिया साइट पर लिखा,मैं पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा।
आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।
साथियों बात अगर हम पहलगाम हमले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं की करें तो, पहलगाम हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भी जताया शोकभारत दौरे पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने लिखा,उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हम इस देश और इसके लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हो गए हैं। इस भयानक हमले में हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।भारत में इजरायली राजदूत गिदोन सार ने एक्स पर लिखा,जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जघन्य आतंकी हमले से हम बेहद दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजरायल भारत के साथ एकजुट है।उधर पुतिन ने क्या कहा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने शोक संदेश में कहा,पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर कृपया संवेदना स्वीकार करें, जिसके शिकार विभिन्न देशों के नागरिक हैं। इस क्रूर अपराध का कोई औचित्य नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि इसके आयोजकों और अपराधियों को उचित सजा मिलेगी। मैं आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने में भारतीय भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहूंगा।अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भी जताया शोकभारत दौरे पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने लिखा, उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हम इस देश और इसके लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हो गए हैं। इस भयानक हमले में हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जम्मू कश्मीर पहलगाम टूरिस्टों पर आतंकी हमला- पूरी दुनियाँ नेभारत के समर्थन में आतंकवाद के खिलाफ़ उठाई आवाज़।पहलगाम टूरिस्टों पर आतंकी हमला-27 मृत, अनेकों घायल-अमेरिका रूस सहित पूरा विश्व संकट की घड़ी में भारत के साथ खड़ा हुआ।भारत में नक्सलवाद मावोवाद समाप्ति की डेड लाइन 31 मार्च 2026 की तरह, जम्मू कश्मीर में भी आतंकवाद समाप्ति की डेडलाइन पर सटीक निर्णय लेना समय की मांग।
*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425*
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