



दिल्ली पुलिस का ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’: 216 लोगों को मिले उनके चोरी हुए मोबाइल
IMEI ट्रैकिंग और साइबर सर्विलांस से चोरों पर शिकंजा, 3 करोड़ के फोन बरामद
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते मोबाइल चोरी के मामलों से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ शुरू किया। इस विशेष अभियान के तहत 305 चोरी हुए मोबाइल फोन बरामद किए गए, जिनमें से 216 फोन उनके असली मालिकों को लौटा दिए गए। इस पहल ने न केवल लोगों की उम्मीदें फिर से जगा दीं, बल्कि मोबाइल चोरी करने वाले गैंग्स पर भी सख्ती से शिकंजा कस दिया।
कैसे काम करता है ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’?
इस ऑपरेशन के तहत दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने IMEI ट्रैकिंग और साइबर सर्विलांस तकनीकों का उपयोग किया।
- IMEI नंबर ट्रैक करके मोबाइल की लोकेशन का पता लगाया गया।
- साइबर एक्सपर्ट्स ने मोबाइल नेटवर्क की गतिविधियों का विश्लेषण किया।
- चोरी के मोबाइल खरीदने-बेचने वाले गिरोहों पर नजर रखी गई।
3 करोड़ के मोबाइल हुए बरामद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऑपरेशन में जब्त किए गए 305 मोबाइल फोन्स की कुल कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये आंकी गई है। दिल्ली पुलिस ने सेंट्रल दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर इन फोन्स को उनके असली मालिकों को सौंपा।
ऑपरेशन की प्रमुख सफलताएं
- 10 जनवरी: 2 करोड़ रुपये के 195 चोरी हुए मोबाइल जब्त।
- 30 जनवरी: 3 करोड़ रुपये के 58 चोरी हुए फोन बरामद।
- 10 फरवरी: 52 चोरी हुए फोन वापस लाए गए।
‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ दिल्ली पुलिस की एक बेहद सफल और सराहनीय पहल साबित हुई है। इस तकनीकी और रणनीतिक प्रयास ने यह दिखा दिया कि सही संसाधनों के इस्तेमाल से चोरी हुए मोबाइल फोन वापस पाना संभव है। उम्मीद है कि यह ऑपरेशन भविष्य में और बड़े स्तर पर जारी रहेगा, जिससे और अधिक लोगों को उनके चोरी हुए फोन वापस मिल सकें।