गर्मी में वो लोग मक्का की फसल उगाते हैं, जिसको पानी की जरूरत अधिक पड़ती है। ऐसे में शेखाना मोहल्ले के लोग नाले के पानी से अपने खेतों की सिंचाई करते है। सर्दियों में फसल की सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए उधर मिट्टी डालकर अधूरे बने नाले का पानी बन्द कर देते हैं। फिर वही गंदा और बदबूदार पानी सदिकापुर गांव में भर जाता है। हर साल सर्दियों इस तरह का नर्क गांव वाले झेलते आ रहे हैं।
प्रमोद कुमार ने बताया कि सर्दियों में उनके खेतों में गंदा पानी भरा रहता है इसलिए फसल नहीं उगा पाते। परिवार पालने के लिए मजदूरी करने पर विवश होते हैं। प्रमोद ने बताया कि नेताओं और अधिकारियों से कई बार मामले की शिकायतें की लेकिन समाधान अब तक नही हो सका।
नाले का पानी भरने से सबसे अधिक दिक्कत दलित समाज के लोगों को होती है। दलितों के खेतों में ही पानी भर जाता है। इस समस्या को अपने समाज के नेता व मंत्री असीम अरुण के आने भी रखा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
गांव के रहने वाले राजेश कुमार और पुनीत ने बताया कि गांव और शहर के बीच की अधिकांश खेती कन्नौज के रहने वाले मुसलमानों की है। जब कभी अधिकारी नाले का निर्माण शुरू कराने का प्रयास करते हैं तो वह लोग दबंगई दिखाते हुए बवाल करने पर आमादा हो जाते हैं क्योंकि यदि नाले का निर्माण हो गया तो गर्मियों में फसलों की सिंचाई के लिए उन मुस्लिमों को फ्री का पानी नहीं मिल सकेगा।
पुनीत ने बताया कि नाले के गंदे और बदबूदार पानी से फसल की सिंचाई करने पर वह जहरीली हो जाती है, इसके बावजूद शेखाना मोहल्ले के लोग नाले के पानी से सिंचाई कर के फसल उगाते हैं।
अफसर और नेता नहीं देते ध्यान
सदिकापुर गांव के रहने वाले पूर्व प्रधान राधाकृष्ण ने बताया कि वह 17 साल तक गांव के प्रधान रहे और अपने कार्यकाल के दौरान वह नाले के पानी की इसी समस्या से जूझते रहे।
समाधान के लिए कोर्ट-कचहरी तक गए लेकिन ये समस्या आज भी बनी हुई है। उन्होंने कहा नेता और अधिकारी ठान लें तो 2 दिनों में समस्या का समाधान हो जाए लेकिन उनकी उदासीनता के कारण ये नर्क खत्म नहीं हो पा रहा।
चुनाव का बहिष्कार भी कर चुके ग्रामीण
सदिकापुर निवासी राजेश कुमार ने बताया कि वर्षों पुरानी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो गांव वालों ने चुनाव में मतदान का बहिष्कार कर दिया। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ लोगों ने ही वोट डाले, बाकी पूरे गांव ने बहिष्कार किया। उस वक्त अधिकारी और नेता गांव वालों के बीच आए और समस्या के समाधान का भरोसा भी दिया लेकिन चुनाव बाद सब जस का तस है।
प्रधान की दौड़भाग भी नाकाम
सदिकापुर के ग्राम प्रधान विकास बाबू ने बताया कि कन्नौज शहर से सटा हुआ उनका गांव है। हर साल सर्दियों में नाले के गंदे और बदबूदार पानी से लोग बीमार पड़ जाते हैं। सड़कों पर जलभराव के कारण बच्चों को स्कूल, कॉलेज और कोचिंग तक आने-जाने में दिक्कतें होती हैं। गांव वालों की समस्या को लेकर वह लगातार नेताओं और अफसरों की चौखट नाप रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा।
जलभराव के कारण गांव के सरकारी भवन भी दरकने लगे हैं। पंचायत भवन की दीवारों में दरारें पड़ गईं। गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। जहां मोटर चलाने के लिए सोलर सिस्टम लगाया गया। अब उस एरिया में भी जलभराव हो गया। जिससे वहां की नवनिर्मित बाउंड्री को बचाना मुश्किल हो गया है। बाउंड्री के बाहरी एरिया में जेसीबी से मिट्टी खुदवाकर डलवाई है ताकि बाउंड्री को सुरक्षित बचा सकें। कुछ घरों की निहासें भी पानी के कारण खोखली हो चलीं। जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है।