



ये बांग्लादेश को हो क्या गया है! ढाका में फिर तोडा दुर्गा मंदिर , भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया
हम इस बात से निराश हैं कि बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं-प्रवक्ता रणधीर जायसवाल
नई दिल्ली(BNE )बांग्ला देश में लगातार अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर उत्पीड़न और धार्मिक स्थलों के तोड़फोड़ की खबरें मिलती रहती है। इधर ताजा हालत में एक बार फिर ढाका में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ की गयी है.इस घटना पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। वहीँ दूसरी ओर बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस कदम को उचित ठहराया है और इसे अवैध रूप से निर्मित ‘अस्थायी संरचना’ बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमें पता चला है कि चरमपंथी ढाका के खिलखेत में दुर्गा मंदिर को ध्वस्त करने की मांग कर रहे थे। अंतरिम सरकार ने मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के बजाय इस घटना को अवैध भूमि उपयोग के मामले के रूप में पेश किया और आज मंदिर को ध्वस्त होने दिया।”
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जायसवाल ने कहा, “इससे मूर्ति को नुकसान पहुंचा है. हम इस बात से निराश हैं कि बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हिंदुओं, उनकी संपत्तियों और उनके धार्मिक संस्थानों की रक्षा करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है।” भारत ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने के बारे में बार-बार चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान यूनुस के साथ इस मुद्दे को उठाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से संबंधित भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया था और उम्मीद जताई थी कि बांग्लादेश सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, जिसमें उनके खिलाफ किए गए अत्याचारों के मामलों की गहन जांच भी शामिल है। मंदिर को चरमपंथियों द्वारा इसे गिराने की मांग के कुछ दिनों के भीतर ही ध्वस्त कर दिया गया। मंदिर को हटाने की मांग करने वाली भीड़ के तीन दिनों के भीतर ही मंदिर को गिरा दिया गया।
यह विध्वंस बांग्लादेश रेलवे के अधिकारियों द्वारा पुलिस और सैन्य कर्मियों की सहायता से किया गया, और विध्वंस स्थल से प्राप्त दृश्यों में दिखाया गया कि बुलडोजर संरचना को गिरा रहे थे, जबकि दुर्गा मां की मूर्ति उस समय संरचना के अंदर थी। अधिकारियों को मंदिर को छोड़ने के लिए भक्तों की अपील को नज़रअंदाज़ करते हुए देखा जा सकता है। बांग्लादेश रेलवे अधिकारियों का कहना है कि खिलखेत सर्बोजनिन श्री श्री दुर्गा मंदिर को इसलिए ध्वस्त किया गया क्योंकि इसे रेलवे की ज़मीन पर अवैध रूप से बनाया गया था।