NEW DELHI-STAR LINK 2026 की शुरुआत में ही देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू हो सकती है
शुरुआती चरण में कंपनी सीमित संख्या में ही यूजर्स को अपनी सर्विस दे पाएगी
भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस का लाभ उठाने के लिए यूजर्स को एक बार का सेटअप चार्ज देना होगा
नई दिल्ली (BNE ): एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी ‘स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवाओं को शुरू करने की अनुमति मिल गयी है। सूत्रों की मानें तो जनवरी या फरवरी 2026 में इसे भारतीय ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक को भारत में लॉन्च के लिए अधिकांश सरकारी बाधाओं को पार कर लिया है। फिलहाल, कंपनी को सैटकॉम (SATCOM) की अंतिम अनुमति और स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट का इंतजार है। उम्मीद है कि ये दोनों प्रक्रियाएं साल 2025 के अंत तक पूरी हो जाएंगी, जिसके तुरंत बाद 2026 की शुरुआत में ही देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू हो सकती है।
भारत सरकार ने स्टारलिंक के लिए कनेक्शनों की एक ऊपरी सीमा निर्धारित की है। जारी गाइडलाइन के अनुसार, स्टारलिंक को देश में अधिकतम 20 लाख कनेक्शन देने की ही अनुमति होगी। इसका मतलब है कि शुरुआती चरण में कंपनी सीमित संख्या में ही यूजर्स को अपनी सर्विस दे पाएगी। बताया जा रहा है कि कंपनी का मुख्य फोकस ग्रामीण और उन दूर-दराज के इलाकों पर होगा, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड की पहुंच नहीं है।
भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस का लाभ उठाने के लिए यूजर्स को एक बार का सेटअप चार्ज देना होगा। यह शुल्क लगभग ₹30,000 या इससे थोड़ा अधिक हो सकता है, जिसमें हार्डवेयर (डिश) की कीमत शामिल होगी। इसके अलावा, हर महीने का सब्सक्रिप्शन शुल्क ₹3,300 से शुरू होने की संभावना है। हालांकि यह कीमत मौजूदा ब्रॉडबैंड सेवाओं से काफी अधिक है, लेकिन यह उन दूरस्थ इलाकों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है जहाँ हाई-स्पीड इंटरनेट एक सपना है।
स्टारलिंक भारत में 25 Mbps से लेकर 225 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड देने का दावा कर रही है। माना जा रहा है कि प्रारंभिक प्लान में यूजर्स को 25 Mbps की स्पीड मिल सकती है, जबकि प्रीमियम या हाई-एंड प्लान में यह स्पीड 225 Mbps तक जा सकती है। यह सेवा विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए डिजाइन की गई है, जहां फाइबर या केबल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है।










