
योगी सरकार का ‘संभव अभियान’: बच्चों के पोषण स्तर में हुआ प्रभावी सुधार*
*बाल कुपोषण और भुखमरी दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार*
*2024 में स्थायित्व की ओर बढ़ा अभियान, 65% बच्चे सामान्य स्थिति में आए*
*प्रदेश के 8 आकांक्षात्मक जनपदों में भी दिखने लगा है सकारात्मक परिवर्तन*
*मातृ-शिशु पोषण पर विशेष ध्यान, गर्भवती महिलाओं की इफिशियंसी में 51 फीसदी का सुधार*
*संभव अभियान की सफलता के बाद, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाने की पूरी हुई तैयारी*
*03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को घर पर ही मिलेगा पौष्टिक स्वल्पाहार*
लखनऊ (BNE) उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य से भुखमरी, बाल कुपोषण को दूर करने और सतत खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने की दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सतत विकास के इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सीएम योगी के मार्गदर्शन में वर्ष 2021 में संभव अभियान की शुरुआत की गई थी। जिसके 4 चरणों पूरे हो चुके हैं, यूपी ने वर्ष 2024 में मातृ-शिशु पोषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के गंभीर तीव्र कुपोषित (सैम) बच्चों में से 65 प्रतिशत सामान्य स्थिति में आ चुके हैं। जबकि 16 प्रतिशत बच्चे सैम स्थिति से मध्यम तीव्र कुपोषित (मैम) बच्चों की स्थिति में आ चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार संभव अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आकांक्षात्मक जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का पायलट प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है, जिसे आने वाले समय में पूरे प्रदेश में चलाने की तैयारी है।
*संभव अभियान के सफल संचालन से हुआ बाल कुपोषण में प्रभावी सुधार*
सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश से कुपोषण और भुखमरी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ वर्ष 2021 में संभव अभियान की शुरूआत की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य-2 को प्राप्त करना और प्रदेश में सतत खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना था। प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने संभव अभियान के चार चरणों की सफलता की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की। विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश ने संभव अभियान के तहत आपेक्षित सफलता प्राप्त की है। एक ओर इन चार वर्षों में तकनीकि नवाचार, प्रशिक्षण और सटीक निगरानी कर 1.7 करोड़ बच्चों की जांच की गई, जिसमें 1.8 लाख तीव्र कुपोषित बच्चों (सैम) के मामले दर्ज हुए थे। जिसमें से 65 प्रतिशत सैम मामले साल के अंत तक सामान्य स्थिति में आ चुके हैं। जबकि 16 प्रतिशत मामले सैम स्थिति से मध्यम तीव्र कुपोषित (मैम) स्थित में आ चुके हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप गर्भवती महिलाओं की मेजरिंग इफिशियंसी 6 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत हो चुकी है।
*आगामी वर्षों में पूरे प्रदेश में लागू होगी मुख्यमंत्री सुपोषण योजना*
प्रदेश के सभी 8 आकाक्षांत्मक जिलों में भी संभव अभियान ने सकारात्मक असर दिखाया है। संभव अभियान के सफल संचालन का असर है कि आकाक्षांत्मक जिलों के बच्चों में भी स्टंटिग, अंडरवेट और वेस्टिंग के मामलों में सुधार आया है। लेकिन इन जिलों में अभी भी बच्चों में कुपोषण की स्थिति को देखते हुए, सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार में इन जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। जिसके तहत 03 से लेकर 06 वर्ष तक के बच्चों को टेक होम राशन के माध्यम से पौष्टिक स्वल्पाहार उपल्ब्ध कराया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन लक्षित बच्चों को 400 कैलोरी एवं 15-20 ग्राम प्रोटीन दिया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी एकत्रित करती हैं। सीएम योगी ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को आगामी वर्षों में पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिये हैं। जिसको लेकर प्रदेश का बाल सेवा विकास एवं पुष्टाहार विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है, जल्द ही ये अभियान प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा।
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