



लखनऊ(BNE)आधुनिक भारत के निर्माता स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की पुण्यतिथि के मौके पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर एक स्मृति सभा आयोजित की गई। इस मौके पर पूर्व मंत्री श्री राजबहादुर जी एवं राजीव गांधी स्टडी सर्किल के नेशनल कोऑर्डिनेटर प्रो0 सतीश राय जी, दिनेश कुमार सिंह, रूद्र दमन सिंह, अमित श्रीवास्तव त्यागी, नईम सिद्दीकी सहित कांग्रेसजनों ने पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात पूर्व मंत्री श्री राजबहादुर जी की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी भी आयोजित हुई जिसका संचालन डॉ0 श्रवण गुप्ता जी ने किया।
इस मौके पर प्रो0 सतीश राय जी ने कहा कि 1947 में मात्र दो देश विभाजित नहीं हुए थे बल्कि अंग्रेजों ने बड़ी चालाकी से 565 रियासतों को इस बात का अधिकार दे दिया कि वो चाहें तो स्वतंत्र रह सकती हैं। इन सभी रियासतों का एकीकरण नेहरू जी की बहुत बड़ी उपलब्धि है। कश्मीर समस्या को लेकर जिस तरह का झूठ संघ के लोगों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है उसके तथ्यों की जांच अगर गूगल से भी कर जी जाए तो सभी को यह पता चला जाएगा कि जब 1947 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी राजा हरिसिंह से बात करने के गए तो राजा ने अपनी स्वीकृति नहीं दी थी लेकिन जब श्रीनगर में कबीलाई घुसपैठ हुई तब राजा हरि सिंह ने कश्मीर एकीकरण पर अपनी सहमति नेहरू जी को दी और नेहरू जी ने अपनी भारतीय सेना को भेजकर कश्मीर को कबीलाई आक्रमण से मुक्त कराया। अंतर्राष्ट्रीय दबावों को नज़रदांज करते हुए भारत को संगठित करने के लिए नेहरू जी ने कश्मीर समस्या का जिस तरह से हल निकाला वह एक वैश्विक एवं निडर प्रधानमंत्री की छवि को उजागर करता है।
प्रो0 राय ने कहा कि 1961 में दादर नगर हवेली को भारत में दसवां संविधान संशोधन के द्वारा सम्मिलित करने का कार्य लीगल सर्जिकल स्ट्राइक कहा जा सकता है। 1962 में ऑपरेशन विजय द्वारा गोवा, दमन दीव को शामिल करना मिलिट्री सर्जिकल स्ट्राइक था। 1963 में पुडुचेरी को तेरहवें संविधान संशोधन द्वारा भारत में सम्मिलित किया गया तो उसे हम पहली डिप्लोमेटिक सर्जिकल स्ट्राइक कह सकते हैं। यह सब भारत की सीमा विस्तार की दृष्टि से प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी की जीत थी। एक झूठ और जो संघियों द्वारा भारत में फैलाने की कोशिश की जा रही है कि जान बूझकर गांधी जी द्वारा पटेल जी की जगह नेहरू जी को प्रधानमंत्री पद दे दिया गया था जबकि मत पटेल जी को ज्यादा मिले थे। इससे बड़ा झूठ और क्या हो सकता है कि कांग्रेस में अंतरिम रूप से सर्व सम्मत्ति से अध्यक्ष चुना गया था। कम से कम फैलाये गये झूठ की जांच करना सबसे आवश्यक है आज की पीढ़ी के लिए ताकि सच पीछे न छूट जाए। भगत सिंह जी की फांसी को लेकर भी हर बार उनके द्वारा यह झूठ फैलाया जाता है कि भगत सिंह से मिलने कोई नहीं गया था और उनकों बचाने की कोशिश नहीं की गई थी। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है भगत सिंह जी को बचाने के लिए नेहरू एवं गांधी जी द्वारा कई बार प्रयास किया गया जिसका उल्लेख स्वंय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी ने किया है। इस तरह के कई और झूठों में एक झूठ और जो उनकी पत्नी कमला नेहरू जी के बारे में भी फैलाया जाता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि हमारे पास सूचनाओं का जो जाल गूगल है उससे कम से कम सत्यता की जांच हर बार कर ली जाए और वर्तमान में उस सच्चाई को मजबूती के साथ रखा जाए।
स्मृति सभा में पूर्व मंत्री राज बहादुर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह, पूर्व मंत्री डॉ0 मसूद, डॉ0 अमित राय जी ने भी संबोधित किया।
स्मृति सभा में कृपाशंकर मिश्रा, ओबैद नासिर, संजय शर्मा, पुष्पेंद्र श्रीवास्तव, कैप्टन वंशीधर मिश्र, डॉ0 सुधा मिश्रा, प्रभाकर मिश्रा, नरेन्द्र त्रिपाठी, विभा त्रिपाठी, डॉ0 पी0के0 त्यागी, नीलम सिंह, आलोक सिंह रैकवार, सिद्धिश्री, आसिफ रिजवी रिंकू, सोमेश सिंह चौहान, आर0 एस0 तिवारी, जितेन्द्र कुमार वर्मा, अनामिका यादव, मंजूदीप रावत, आलेख पाण्डेय, अनिल शुक्ला, शिफा खान, अखिलेश वर्मा, राजेन्द्र पाण्डेय, सच्चिदानंद नाथ सलमान कादिर, अजहर फैज, अयूब सिद्दीकी, परवीन खान, साबरा खातून, सहित उपस्थित कांग्रेसजनों ने पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।