लखनऊ:सरदार पटेल की स्मृतियां, देश के प्रति उनका योगदान हमारे लिए चिर स्मरणीय अध्याय-CM YOGI
सम्पूर्ण देश अखण्ड भारत के शिल्पी लौह पुरुष सरदार पटेल को स्मरण कर रहा, उनकी सेवाओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा : मुख्यमंत्री
लखनऊ :(BNE)मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर आज यहां जी0पी0ओ0 स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत माता के अमर सपूत लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का महापरिनिर्वाण दिवस है। आज सम्पूर्ण देश अखण्ड भारत के शिल्पी लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को स्मरण कर रहा है तथा उनकी सेवाओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के करमसद में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने परिश्रम से उच्च शिक्षा अर्जित की। उच्च शिक्षा अर्जन करने के पीछे सरदार वल्लभ भाई पटेल का उद्देश्य आजीविका प्राप्त करना या विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं, बल्कि देश और दुनिया को समझ कर अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ भारत माता के चरणों में समर्पित करना था। उन्होंने आजादी के आन्दोलन को नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने कई बार जेल की यातनाएं सही, लेकिन आजादी के आन्दोलन से कभी विचलित नहीं हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की आजादी के समय पुरजोर तरीके से भारत के विभाजन का विरोध किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत में स्थित सभी रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाकर वर्तमान भारत का स्वरूप प्रदान किया। इस वर्तमान स्वरूप के शिल्पी के रूप में भारत सदैव लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण करेगा।
देश की आजादी के समय जब अंग्रेजों ने ‘टू नेशन थ्योरी’ को देश में लागू किया, तो ब्रिटिश हुकूमत ने देशी रियासतों को स्वतंत्रता दी कि वह भारत गणराज्य में शामिल होना चाहें या पाकिस्तान में या अपना स्वतन्त्र अस्तित्व बनाए रखना चाहें। भारत की सभी देशी रियासतों तथा हिन्दू रियासतों ने भारत गणराज्य का हिस्सा बनने के लिए सहमति व्यक्त की। जूनागढ़ का नवाब तथा हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल नहीं होना चाहते थे। जूनागढ़ के नवाब और हैदराबाद के निजाम ने मना कर दिया। सरदार वल्लभ भाई पटेल की सूझबूझ के परिणामस्वरूप तथा रक्तहीन क्रान्ति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद रियासतें भारत गणराज्य का हिस्सा बनी।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करते हुए कश्मीर में धारा-370 समाप्त कर कश्मीर को भारत गणराज्य का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए एक देश में ‘एक प्रधान-एक विधान-एक निशान’ के संकल्प को आगे बढ़ाया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गृह मंत्री के रूप में सोमनाथ मन्दिर के पुनरुद्धार सहित अनेक कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया था। उन्होंने विवादों के समाधान का तन्त्र विकसित करने तथा भारत की प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने का कार्य भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का यशस्वी नेतृत्व और लम्बे कालखण्ड तक प्राप्त होता, इससे पहले 15 दिसम्बर 1950 को उनकी नश्वर भौतिक देह व भौतिक नेतृत्व हमसे अलग हो गया। उनकी स्मृतियां, देश के प्रति उनकी सेवाएं तथा योगदान हमारे लिए चिर स्मरणीय अध्याय तथा नई प्रेरणा बन गईं। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम जब भी आता है, प्रत्येक भारतवासी बड़ी श्रद्धा तथा सम्मान के साथ भारत माता के महान सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने भी सम्बोधित किया।










