कांग्रेस का भाजपा से प्रश्न -इतने बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों का लखनऊ में आना कैसे संभव हुआ?
लखनऊ (BNE)उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव एवं पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने मेयर सुषमा खर्कवाल के उस बयान पर गहरी चिंता व्यक्त की है जिसमें मेयर ने लखनऊ में पौने 2 लाख बांग्लादेशी होने का दावा किया है। मेयर का यह बयान केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी सरकार की प्रशासनिक विफलताओं और दोहरे चरित्र को उजागर करता है। सवाल उठता है कि केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकारें क्या इस घुसपैठ में मिली हुई हैं? क्योंकि बांग्लादेश से भारत में दाखिल होने के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी तक इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठ देश की अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
भाजपा का सुरक्षा पर झूठा दावा
भाजपा हमेशा से आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को अपना प्रमुख एजेंडा बनाकर प्रचार करती रही है। दिल्ली में पिछले 10 साल से नरेंद्र मोदी की सरकार और उत्तर प्रदेश में पिछले 7 साल से योगी आदित्यनाथ की सरकार है। बावजूद इसके, लखनऊ जैसे संवेदनशील और प्रमुख शहर में बांग्लादेशी घुसपैठ का इतना बड़ा नेटवर्क बन जाना, सरकार की लापरवाही और अक्षमता का प्रमाण है।
भाजपा सरकार ने बार-बार यह दावा किया है कि उनकी नीतियों से घुसपैठ रोकी जा रही है। अगर ऐसा है, तो यह घुसपैठ कब और कैसे हुई? क्या यह सरकार की आंखों के सामने हो रहा था, या जानबूझकर इस पर चुप्पी साधी गई?
लोकतंत्र और सुरक्षा पर खतरा
मेयर सुषमा खर्कवाल ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि ये लोग पटरियों के किनारे फर्जी पते पर आधार कार्ड बनवा रहे हैं और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि नगर निगम के अधिकारियों एवं प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं हो सकता। फिर सवाल यह है कि क्या राज्य और केंद्र सरकार इस समस्या से अनजान थीं, या यह उनके लिए राजनीतिक लाभ उठाने का एक साधन बन गया है?
भाजपा की दोहरा चरित्र
यह बेहद विडंबना है कि जो पार्टी घुसपैठ को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक माहौल गर्म करती रही है, वह अपनी ही सरकारों के अधीन इसे रोकने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। मेयर का यह बयान बीजेपी की नीतियों और दावों की पोल खोलता है।
कांग्रेस का सवाल
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं भाजपा से निम्नलिखित सवाल पूछती है:
1. इतने बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों का लखनऊ में आना कैसे संभव हुआ?
2. नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की गई?
3. लखनऊ नगर निगम में 1995 से भाजपा की सरकार है तो इन बांग्लादेशी नागरिकों को आधार कार्ड, प्लॉट और रोजगार देने में किसका हाथ है?
हम केंद्र और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि:
इस पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाए।
दोषी नगर निगम अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों पर कड़ी कार्रवाई हो।
अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें उनके देश भेजने की प्रक्रिया तेज की जाए।
लखनऊ के स्थानीय निवासियों को रोजगार और संसाधन सुनिश्चित किए जाएं।
भाजपा का झूठा राष्ट्रवाद
यह घटना भाजपा के उस झूठे राष्ट्रवाद को बेनकाब करती है, जिसका मकसद केवल राजनीतिक लाभ उठाना है। जनता के वास्तविक मुद्दों जैसे बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने हमेशा सांप्रदायिक और भावनात्मक मुद्दों को हवा दी है।
कांग्रेस पार्टी यह स्पष्ट करती है कि हम हर हाल में देश की आंतरिक सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा की विफलताओं के खिलाफ हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे और जनता को उनके अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।