



होम्योपैथी विभाग में हैं फर्जी शिक्षक : कब होगी कार्रवाई
सुधीर श्रीवास्तव
लखनऊ। प्रान्तीय होम्योपैथिक चिकित्सक संघ उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व उपाध्यक्ष और चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश ने एक वक्तव्य जारी कर बताया कि प्रदेश के होम्योपैथिक विभाग में कई फर्जी शिक्षक कार्यरत है। चिकित्सा जैसे क्षेत्र में फर्जी शिक्षकों के होने से चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
ऐसे शिक्षक मेडिकल के बच्चों को कैसे और क्या पढ़ाते होंगे इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इसके साथ ही इन फर्जी और वांछित योग्यता से हीन शिक्षकों के द्वारा मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर तैयार हुए नए चिकित्सक अपने मरीजों को क्या उपचार प्रदान कर पाएंगे, यह भी विचारणीय है।
डॉक्टर ओमप्रकाश ने बताया कि इस संबंध में शासन को उन्होंने कई बार पत्र लिखकर वस्तु स्थिति से अवगत भी कराया है। उन्होंने अपने पत्रों के साथ ही प्रकरण से संबंधित 25 साक्ष्य भी शासन को प्रेषित किए जिनसे इन फर्जी शिक्षकों के प्रकरण का पूर्ण खुलासा हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि संबंधित राज्य चिकित्सा बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र के सत्यापन से यह स्पष्ट हो गया है कि विभाग द्वारा उक्त चिकित्सकों के लिए कोई अनुभव प्रमाण पत्र अथवा कार्य करने का प्रमाण जारी नहीं किया गया है। इस प्रकार इन शिक्षकों ने फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र तैयार कराकर नियुक्ति प्राप्त की जो अपराध की श्रेणी में आता है। सरकार को ऐसे फर्जी शिक्षकों की जांच कराकर उन पर जनहित में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे कि भविष्य में इस प्रकार से फर्जी चिकित्सकों की नियुक्ति न होने पाए।