राज्यपाल महोदया ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि गंगोत्री से गंगासागर की यह प्रतिकृति भारत की सांस्कृतिक एवं धार्मिक यात्रा केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे पवित्र चार धामों की प्रतीकात्मक प्रस्तुति है। उन्होंने कहा कि इस निर्माण के माध्यम से जनसामान्य को भारत की आस्था, पर्यावरणीय चेतना और नदी संस्कृति के महत्व से परिचित कराने का उद्देश्य निहित है।
राज्यपाल जी ने इस अवसर पर नदियों के संरक्षण एवं जल-संसाधनों के संवर्धन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि नदियाँ हमारी जीवनधारा हैं; उनका संरक्षण, संवर्धन और स्वच्छता हर नागरिक का उत्तरदायित्व है। उन्होंने पर्यावरण-संतुलन बनाए रखने हेतु सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
कार्यक्रम में विशेष कार्याधिकारी श्री राज्यपाल, (अपर मुख्य सचिव स्तर) डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी श्री अशोक देसाई, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डॉ. पंकज एल0 जानी, विशेष सचिव श्री श्रीप्रकाश गुप्ता सहित राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।










